नाबालिगों से मारपीट मामले में आरोपी चिकित्सक की जमानत याचिका उच्च न्यायालय ने मंजूर की
सुरेश अविनाश
- 18 Nov 2025, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
गुवाहाटी, 18 नवंबर (भाषा) गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस महिला चिकित्सक को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, जिसे दो साल से भी अधिक समय पहले अपने चिकित्सक-पति के साथ दो बच्चों पर कथित तौर पर हमला करने और यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इन बच्चों के बारे में दावा किया गया था कि ये गोद लिये हुए बच्चे हैं।
न्यायमूर्ति अंजन मोनी कलिता ने आरोपी संगीता दत्ता को जमानत पर रिहा किये जाने का निर्देश दिया। यह जमानत उनके पति और सह-आरोपी वलीउल इस्लाम को उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ द्वारा इस मामले में जमानत मिलने के लगभग 20 दिन बाद आई।
इस्लाम और उनके परिवार की घरेलू सहायक को छह मई, 2023 को गुवाहाटी में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी मनोचिकित्सक पत्नी अगले दिन शहर से भागने की कोशिश करते हुए पकड़ी गईं। डॉ. संगीता अक्सर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर स्थानीय टीवी चैनलों पर आयोजित टॉक शो में दिखाई देती रही हैं।
पुलिस ने डॉक्टर दंपति और उनकी नौकरानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के तहत भी मामला दर्ज किया था।
संगीता के वकील एनजे दत्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी कि पुलिस ने उनके मुवक्किल को हिरासत में लेते समय कानून के विभिन्न प्रावधानों का पालन समय नहीं किया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके मुवक्किल लंबे समय से जेल में बंद हैं और उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि मुकदमा 'उचित गति' से आगे बढ़ेगा।
दत्ता ने बताया कि मामले में प्राथमिकी पांच मई, 2023 को दर्ज की गई, उसी वर्ष सात जुलाई को आरोप-पत्र दाखिल किया गया और जमानत याचिका दायर होने तक कुल 74 गवाहों में से केवल 15 गवाहों से ही पूछताछ की गई थी।
उन्होंने पूर्व न्यायिक फैसलों का हवाला दिया, जिनमें मुकदमे का सामना कर रहे आरोपी को लंबी कैद में रखने को हतोत्साहित करने का प्रावधान था।
न्यायमूर्ति कलिता ने इस बात पर भी विचार किया कि दत्ता के पति और सह-अभियुक्त को इसी मामले में 28 अक्टूबर को एक समन्वय पीठ द्वारा जमानत दी गई थी।
निर्णय में कहा गया है, ‘‘...इस न्यायालय का सुविचारित मत है कि आरोपी द्वारा जमानत पर रिहाई का स्पष्ट मामला बनाया गया है।’’
निर्णय में आगे कहा गया है, ‘‘तदनुसार, यह निर्देश दिया जाता है कि डॉ. संगीता दत्ता को सत्र (विशेष) मामला संख्या 112/2023 के संबंध में, एक लाख रुपये के जमानती बॉण्ड और उतनी ही राशि के दो स्थानीय मुचलके की शर्त के पालन एवं निचली अदालत की संतुष्टि की शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाए।’’
अदालत ने दत्ता की जमानत के लिए कुछ शर्तें भी तय कीं, जिनमें निचली अदालत के समक्ष अपना पासपोर्ट, आधार और पैन कार्ड जमा करना, मुकदमे की प्रक्रिया में सहयोग करना और किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल होकर अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करना शामिल है, जिससे मामले की प्रगति में बाधा पड़ सकती है या छेड़छाड़ हो सकती है।
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