जुबिन की 53वीं जयंती पर प्रशंसकों ने उन्हें किया याद; परिवार ने आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया
खारी प्रशांत
- 18 Nov 2025, 09:29 PM
- Updated: 09:29 PM
गुवाहाटी, 18 नवंबर (भाषा) असम के प्रख्यात गायक जुबिन गर्ग की 53वीं जयंती मंगलवार को पूरे राज्य में मनाई गयी, तथा राजनीतिक दलों सहित कई संगठन उनके सम्मान में रक्तदान शिविरों समेत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया।
गर्ग का 19 सितंबर को निधन हो गया था।
गर्ग के प्रशंसक आधी रात को उनके काहिलीपाड़ा स्थित आवास के बाहर एकत्र हुए, केक काटा तथा उसे उनकी तस्वीर के सामने रखा। इस अवसर पर उनकी पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग और बहन पाल्मी बोरठाकुर भी मौजूद थीं।
प्रशंसकों ने उनके निधन के बाद पहली बार जश्न मनाने के लिए उनके लोकप्रिय गीत गाए।
दिन में, गायक की एक आवक्ष प्रतिमा का अनावरण उनके आवासीय परिसर में उनकी पत्नी और 85 वर्षीय पिता मोहिनी मोहन बोरठाकुर ने किया।
राज्य भर से प्रशंसक ‘जुबिन क्षेत्र’ में भी एकत्रित हुए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था और वहां उन्होंने 'गामोसा' (पारंपरिक गमछा) और फूल चढ़ाकर, दीप जलाकर और उनके गीत गाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आचार्य ने कहा कि जुबिन संगीत और संस्कृति की दुनिया के एक बेहद सम्मानित और बड़ी हस्ती थे तथा असम को पहचान दिलाने में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
आचार्य ने कहा, ‘‘हालांकि जुबिन अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत लाखों लोगों के दिलों में जिंदा है। उनके गीतों में असम की लोक परंपराओं, गहरी भावनाओं और आधुनिक रचनात्मकता का सार समाहित है।’’
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गर्ग को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “कुछ लोगों की उपस्थिति दृष्टि से ओझल हो जाती है, लेकिन स्मृति में उनकी चमक बनी रहती है।”
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "आज हम एक ऐसे कलाकार की स्थायी विरासत का सम्मान कर रहे हैं जो हमारे दिलों की धड़कन था, और हमेशा रहेगा। वह हमारे प्रिय जुबिन हैं। हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।"
राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा रक्तदान शिविर का आयोजन किया।
मंगलवार सुबह लंदन से लौटने के बाद मुख्यमंत्री शिविर में गए और कहा कि लोगों का एक वर्ग यह गलत धारणा फैला रहा है कि उन्हें सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका शराब है, जो बिल्कुल गलत है।
शर्मा ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि जुबिन को शराब पीना पसंद था, लेकिन उनके आसपास कुछ लोग उन्हें शराब उपलब्ध कराते थे ताकि वे आर्थिक सहित कई तरह से उनका फायदा उठा सकें।’’
विपक्षी कांग्रेस पार्टी ‘कंचनजंगा-संस्कृति हौक मैत्रेयर मंत्र’ (संस्कृति सद्भाव का मंत्र हो) नाम से एक स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया। उनकी स्मृति को सम्मान देने, उनके सांस्कृतिक योगदान का जश्न मनाने तथा उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए पार्टी की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम को ‘‘स्मृति, सम्मान और सामूहिक चिंतन’’ की शाम के रूप में मनाया गया जिसमें असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई भी मौजूद थे।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) इस दिन को 'जातीय स्वाभिमान दिवस' (राष्ट्रीय आत्मसम्मान दिवस) के रूप में मनाया, जहां रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, साथ ही गर्ग के लोकप्रिय गीतों का गायन और पौधारोपण भी किया गया।
कोकराझार में ‘बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल’ (बीटीसी) के प्रमुख हगरामा मोहितलरी ने जुबिन गर्ग पार्क और उनकी प्रतिमा का शिलान्यास किया और प्रस्तावित पार्क के परिसर में 53 ‘नाहोर’ (इंडियन रोज चेस्टनट) के पौधे लगाए गए, जो गायक द्वारा अपनाए गए पर्यावरणीय मूल्यों और उनकी 53वीं जयंती, दोनों का प्रतीक है।
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) ने गायक के जन्मदिन के उपलक्ष्य में रविवार से सभी जिला मुख्यालयों पर तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें कला शिविर, साइकिल रैलियां और पौधे रोपण शामिल हैं।
ऑल असम ज़ुबिन गर्ग फैन क्लब भी उनकी जयंती के उपलक्ष्य में राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित किया।
गुवाहाटी प्रेस क्लब (जीपीसी) के सदस्यों ने भी इस अवसर पर गर्ग को पुष्पांजलि अर्पित की।
गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय के तुरा में हुआ था। जुबिन की इस साल 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह ‘नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (एनईआईएफ)’ में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर गए थे।
भाषा खारी