आंध्र पुलिस ने कई जिलों में की गयी कार्रवाई में 50 माओवादियों को किया गिरफ्तार
प्रचेता माधव
- 19 Nov 2025, 04:34 PM
- Updated: 04:34 PM
अमरावती, 19 नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग ने खुफिया-आधारित एक समन्वित अभियान के तहत पांच जिलों से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह कार्रवाई अल्लूरी सीतारामराजू जिले के मरेदुमिल्ली में 18 नवंबर को हुई एक मुठभेड़ के साथ हुई। इस मुठभेड़ में शीर्ष नक्सली कमांडर एम. हिडमा और पांच अन्य मारे गए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी, खुफिया) महेश चंद्र लड्ढा ने विजयवाड़ा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हिडमा के मारे जाने के बाद, हमने पांच जिलों में खुफिया जानकारी पर आधारित एक समन्वित अभियान चलाया और भाकपा (माओवादी) के 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।"
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए माओवादी कार्यकर्ता दक्षिण बस्तर-दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय थे और वे संगठन के भीतर स्पेशल जोनल समिति, डिवीजनल समिति, एरिया समिति के सदस्य और पार्टी के नियमित कार्यकर्ता थे।
लड्ढा ने बताया कि यह अभियान कृष्णा, एलुरु, एनटीआर, काकीनाडा और कोनसीमा जिलों के साथ-साथ विजयवाड़ा शहर में गुपचुप तरीके से और समन्वय के साथ चलाया गया।
माओवादियों की गतिविधियों की सूचना के आधार पर राज्य खुफिया विभाग, विशेष जांच शाखा (एसआईबी), जिला पुलिस इकाइयों और विजयवाड़ा आयुक्तालय के कर्मियों ने मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
एडीजीपी लड्ढा ने बताया कि सुरक्षा बलों के लगातार दबाव के कारण छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और पश्चिम बस्तर जिलों से कई कार्यकर्ता भाग गए थे जिन्हें आंध्र प्रदेश में गिरफ्तार किया गया।
तलाशी के दौरान पुलिस ने विभिन्न स्थानों से 39 हथियार, 302 कारतूस, डेटोनेटर, कॉर्डटेक्स तार, संचार उपकरण और 13 लाख रुपये नकद बरामद किया।
एडीजीपी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं में तीन विशेष जोनल समिति सदस्य और कई डिविजनल समिति सदस्य शामिल थे। इनकी गिरफ्तारी माओवादी ढांचे के भीतर नेतृत्व के ध्वस्त होने का संकेत है।
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई ने माओवादियों के फिर से एकजुट होने के प्रयासों को विफल कर दिया है तथा छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश के बीच सक्रिय माओवादी नेटवर्क को एक बड़ा झटका पहुंचाया है।
राज्य खूफिया ब्यूरो (एसआईबी) के प्रमुख पी एच डी रामकृष्ण ने पीटीआई-भाषा को बताया, "पूरा अभियान गोपनीयता और सटीकता के साथ चलाया गया। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी कार्यकर्ता भाग न पाए और किसी भी नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे।"
भाषा
प्रचेता