किशोर क्या चाहते हैं कि वयस्क उनकी डिजिटल जिंदगी के बारे में जानें?
(द कन्वरसेशन) धीरज वैभव
- 19 Nov 2025, 04:35 PM
- Updated: 04:35 PM
(लियो जीगेल, कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट और कार्ल फ्रेड्रिक सोजोलैंड, कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट)
स्टॉकहोम, 19 नवंबर (द कन्वरसेशन) दुनिया भर में किशोर सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में धड़ल्ले से कर रहे हैं। इसके साथ ही, युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों को लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं और ऐसे में स्क्रीन टाइम और डिजिटल उपकरणों तक पहुंच को सीमित करने को लेकर बहस चल रही है।
हालांकि, इन चर्चाओं में अक्सर यह बात छूट जाती है कि किशोर खुद क्या सोचते हैं। ऑनलाइन गतिविधियां उनके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं? वे किस तरह की बातचीत की उम्मीद करते हैं जब वयस्क इस मुद्दे पर चर्चा करें? युवाओं की चिंताओं को समझना, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों को समझने के लिए जरूरी है।
हमने यूनिसेफ और विश्व भर के साझेदारों के साथ मिलकर किए गए हालिया शोध में 10 से 19 वर्ष की आयु के 490 से अधिक युवाओं से उनके मानसिक स्वास्थ्य और डिजिटल संचार के उपयोग के बारे में बातचीत की।
यह एक अनूठा अध्ययन था, क्योंकि इसमें बेल्जियम, चिली, मिस्र, इंडोनेशिया, जमैका, जॉर्डन, चीन, मलावी, स्विट्जरलैंड, स्वीडन और अमेरिका सहित विभिन्न देशों के युवाओं को शामिल किया गया।
हमने पाया कि युवाओं के विचारों में बारीकियां हैं। उनसे डिजिटल संचार के सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों पहलुओं के विचार सामने आए। उनके विचार विभिन्न देशों और आय स्तरों पर काफी हद तक एक जैसे थे, जो तेजी से वैश्वीकृत होती डिजिटल दुनिया में युवाओं की साझा भावनाओं की ओर इशारा करते हैं।
विभिन्न देशों में युवाओं ने बार-बार यह कहा कि वयस्क पर्याप्त रूप से शामिल नहीं होते हैं या वे यह नहीं समझते हैं कि बच्चे और किशोर ऑनलाइन क्या करते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि वयस्क भी अपनी डिजिटल गतिविधियों पर बहुत कम विचार करते हैं। शायद वयस्कों की अपेक्षा के विपरीत, कम उम्र वाले लोग चाहते थे कि वयस्क उनके ऑनलाइन जीवन के बारे में जानें और उसकी परवाह करें।
चिली के एक लड़के ने कहा, ‘‘मेरा एक दोस्त है जिससे मेरी मुलाकात एक खेल के जरिए हुई थी। वह हफ्ते में छह दिन मुझसे बात करता है और बताता है कि उसे कुछ समस्याएं हैं लेकिन अपने माता-पिता को नहीं बता सकता, क्योंकि जब वह उन्हें बताता है तो वे उसे कमतर आंकते हैं। मैं उसकी मदद करने की कोशिश करता हूं... लेकिन मैं कोई वयस्क नहीं हूं जिसने उन हालात का अनुभव किया हो।’’
कई प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल संचार सामाजिक और भावनात्मक समर्थन और अपनापन प्रदान कर सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि कैसे डिजिटल बातचीत लगातार सामाजिक तुलना, साइबर दबंगई और समय की बर्बादी के कारण तनाव और चिंता को बढ़ा सकती है। वे चाहते थे कि वयस्क उन्हें ऑनलाइन मंचों पर ऐसे अनुभवों से निपटने के तरीके को लेकर मार्गदर्शन करें।
किशोरों के अनुसार, उनकी ऑनलाइन बातचीत की गुणवत्ता वाकई महत्वपूर्ण है। सकारात्मक और सहयोगी संचार नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मददगार साबित होता है। हालांकि, नकारात्मक बातचीत या दूसरों की सामग्री का निष्क्रिय उपभोग, अवसाद जैसे खराब मानसिक स्वास्थ्य को जन्म देता है या बढ़ा देता है।
तुलना और दबंगई
उन्होंने हमें बताया कि मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ लगातार तुलना - उनकी शारीरिक बनावट और आर्थिक सफलता - जीवन संबंधी अवास्तविक अपेक्षाएं पैदा करती है और हानिकारक लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है।
विशेष रूप से लड़कियों के लिए, ‘सुंदर’ दिखने का दबाव होता है, साथ ही वे यह महसूस करती हैं कि उनका आत्म-मूल्य सोशल मीडिया पोस्ट पर प्राप्त लाइक या इंटरैक्शन की संख्या से जुड़ा हुआ है।
कई युवाओं ने हमें बताया कि वे जानते हैं कि ऑनलाइन सामग्री आवश्यक रूप से वास्तविक नहीं होती, लेकिन फिर भी ऐसी सामाजिक तुलनाओं से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
किशारों ने हमें यह भी बताया कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग उन्हें समस्याओं और तनावों से दूर रखते हैं और मानसिक तनाव से निपटने में मदद करते हैं। उन्होंने मानसिक तनाव के लिए ऑनलाइन गुमनाम मदद के महत्व के बारे में बात की, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ऑनलाइन सुलभ जानकारी प्राप्त करने की बात भी कही।
किशोरों को यह समझने में मदद करने के लिए कि उनका ऑनलाइन जीवन उनके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, वयस्कों को अपनी डिजिटल साक्षरता को मजबूत करने और युवाओं के दृष्टिकोण को सुनने की आवश्यकता है।
सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रासंगिक, विश्वसनीय और प्रभावी बनाने के लिए युवाओं के साथ मिलकर डिजाइन किया जाना चाहिए।
(द कन्वरसेशन) धीरज