अफ्रीका ने विश्व से जलवायु आपदाओं से निपटने के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया
देवेंद्र नरेश
- 19 Nov 2025, 05:28 PM
- Updated: 05:28 PM
जोहानिस्बर्ग, 19 नवंबर (एपी) दक्षिण अफ्रीका की सबसे पुरानी बस्ती में स्वयंसेवक प्रदूषित जुक्सकी नदी के गहरे पानी में कूदकर उस जाल को खोलने का प्रयास कर रहे हैं जो कचरा फंसाने के लिए बनाया गया था।
भारी बारिश के कारण यह जाल क्षतिग्रस्त हो गया था। इस जाल के बिना, जोहान्सिबर्ग के बाहरी इलाके में स्थित निचले इलाके एलेक्जेंड्रा की झुग्गियों को विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
अफ्रीका में समूह के पहले शिखर सम्मेलन के लिए इस सप्ताहांत जोहान्सिबर्ग में 20 अमीर और विकासशील देशों के समूह के विश्व नेता मिलेंगे। मेजबान दक्षिण अफ्रीका गरीब देशों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है, जिसमें जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं से निपटने की प्रतिक्रिया भी शामिल है।
दक्षिण अफ्रीका अमीर देशों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से और अधिक मदद करने का आग्रह करेगा। यह अपील ब्राजील में वैश्विक जलवायु वार्ता में भी की जा रही है।
स्थानीय निवासी एवं स्वयंसेवी समूह ‘एलेक्जेंड्रा वाटर वॉरियर्स’ के सह-संस्थापक सेमादी मंगान्ये ने कहा कि एलेक्जेड्रा के पांच लाख से अधिक निवासी दक्षिण अफ्रीका के सबसे समृद्ध वित्तीय जिले सैंडटन से कुछ ही कदमों की दूरी पर रहते हैं। लेकिन बाढ़ के कारण अक्सर पुल डूब जाते हैं, जिससे बस्ती के बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘बड़ा खतरा’’ है।
गैर-सरकारी संगठन, ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ के अध्यक्ष बिनैफर नौरोजी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने और जलवायु कार्रवाई करने के बीच विनाशकारी विकल्प का सामना करना पड़ रहा है।’’
विश्व बैंक का कहना है कि 2010-2020 के दशक में सबसे गरीब देशों में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या 1980-1990 की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक थी।
पिछले वर्ष, अल नीनो मौसमी घटना के कारण इस क्षेत्र में दशकों में सबसे जबरदस्त सूखा पड़ा, जिससे लघु कृषि को भारी नुकसान पहुंचा तथा लोगों की गरीबी और भी बढ़ गई।
जलवायु वित्तपोषण, जी-20 जैसे प्रमुख शिखर सम्मेलनों में अमीर और गरीब देशों के बीच तीखी बहस का केन्द्र रहा है।
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इस महीने जारी ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार 50 लाख लोगों को निराश कर रही है, जो झुग्गी बस्तियों में रहते हैं और जिनके पास उचित आवास और सेवाएं नहीं हैं और जो जलवायु संकट से प्रभावित हैं।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत में जून में आई बाढ़ से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये खतरे और बढ़ गए हैं।
एपी
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