इंदौर में मेट्रो स्टेशनों के पास पार्किंग की योजना का अभाव, मंत्री बोले- ‘यह बहुत बड़ी गलती’
हर्ष नोमान
- 19 Nov 2025, 06:04 PM
- Updated: 06:04 PM
इंदौर, 19 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर की निर्माणाधीन मेट्रो परियोजना के वास्तुविदों पर यह कहते हुए बुधवार को गंभीर सवाल उठाया कि स्टेशनों के पास पार्किंग की कोई योजना नहीं बनाना उनकी ‘बहुत बड़ी गलती’ है।
अधिकारियों के मुताबिक, 35 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में मेट्रो रेल के 31.32 किलोमीटर लंबे गलियारे के निर्माण की परियोजना पर पिछले छह साल से काम जारी है जिस पर कुल 28 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
विजयवर्गीय ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ निर्माणाधीन मेट्रो परियोजना का निरीक्षण किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए बैठक की।
बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘यह मेट्रो परियोजना की डिजाइन में एक बहुत बड़ी गलती है कि वास्तुविदों ने स्टेशनों के पास पार्किंग की योजना बनाने का ध्यान ही नहीं रखा।’’
उन्होंने कहा कि वह मेट्रो परियोजना के वास्तुविदों को पहले ही निर्देशित कर चुके हैं कि स्टेशनों के पास किसी भी तरह पार्किंग बनाने का रास्ता निकाला जाए।
विजयवर्गीय ने कहा,‘‘मैंने इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) से भी कहा है कि अगर उसके पास जमीन उपलब्ध हो, तो वह इसे नाममात्र की कीमत पर मेट्रो स्टेशनों की पार्किंग के लिए उपलब्ध कराए। आईडीए ने विजय नगर चौराहे के पास एक मेट्रो स्टेशन की पार्किंग के लिए जमीन सुझाई है।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल नहीं होने से शहर की खूबसूरती और नागरिक सुविधाएं प्रभावित होती हैं।
विजयवर्गीय ने कहा,‘‘मैंने सरकारी एजेंसियों के अफसरों से कहा है कि वे वर्ष 2028 के दौरान उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले इंदौर में मेट्रो परियोजना और अन्य अधूरे विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा कराएं।’’
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में कुल 31.32 किलोमीटर लंबा मेट्रो रेल गलियारा बनाए जाने के लिए वर्ष 2019 से काम जारी है, लेकिन फिलहाल इसके केवल करीब छह किलोमीटर लंबे मार्ग पर वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया जा सका है।
यह मार्ग शहर के नये विकसित हो रहे इलाके में है जिस पर मेट्रो को शुरुआत से ही यात्रियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
मूल योजना के मुताबिक शहर में मेट्रो परियोजना की लागत 7,500.80 करोड़ रुपये है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि धीमे निर्माण कार्य और परियोजना में संभावित बदलावों के कारण इसकी लागत में बड़ा इजाफा हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर के पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती पर 31 मई को करीब छह किलोमीटर लम्बे मार्ग पर मेट्रो के पहले चरण के वाणिज्यिक परिचालन की शुरुआत की थी।
भाषा हर्ष