किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी से कृषि वैज्ञानिक नम्मालवार, पालेकर को सम्मानित करने का आग्रह किया
देवेंद्र माधव
- 19 Nov 2025, 06:48 PM
- Updated: 06:48 PM
कोयंबटूर, 19 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के कोयंबटूर में बुधवार को प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तमिलनाडु के प्रसिद्ध जैविक कृषि वैज्ञानिक नम्मालवार और महाराष्ट्र के सुभाष पालेकर को राष्ट्रव्यापी मान्यता देने का आग्रह किया।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने नौ करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त के रूप में 18,000 करोड़ रुपये वितरित किये।
अपने संक्षिप्त संबोधन में, शिखर सम्मेलन के दक्षिण भारत के मुख्य समन्वयक डॉ. के. रामास्वामी ने कहा, ‘‘तमिलनाडु के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जैसे ही मोदी से मुलाकात कर उन्हें इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने (मोदी) तुरंत हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया। आज, यहां आने पर उन्होंने हमसे कहा कि आपने मुझे आमंत्रित किया है, मैं यहां हूं। उन्होंने (मोदी ने) यही कहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा यह कर्तव्य है कि हम यह अनुरोध स्वीकार करने के लिए उनका आभार व्यक्त करें।’’
दक्षिणी राज्यों के कृषक समुदाय की ओर से मोदी का स्वागत करते हुए रामास्वामी ने किसानों की आजीविका बढ़ाने के लिए उन्नत कृषि पद्धतियों की अपील की।
उन्होंने बीज, फसल और कटाई की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए सरल खेती के तरीकों को अपनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘... अगर हम एक सरल प्रक्रिया अपनाएं तो कटाई का काम जल्द पूरा हो सकता है। इससे किसानों की आजीविका बढ़ेगी। केंद्र को इस पर विचार करने के लिए आगे आना चाहिए।’’
रामास्वामी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे नम्मालवार और सुभाष पालेकर को जैविक कृषि में उनके अग्रणी कार्य के लिए सम्मानित कर राष्ट्रव्यापी मान्यता प्रदान करें।
उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों लोगों ने देश में जैविक खेती की शुरुआत की। हम प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) से प्रार्थना करते हैं कि इन दोनों को देशव्यापी पहचान मिले।’’
इस अपील को दोहराते हुए, तमिलनाडु के सभी किसान संघों की समन्वय समिति के अध्यक्ष, पी आर पांडियन ने केंद्र से जैविक खेती में उनके योगदान के लिए नम्मालवार को ‘भारत रत्न’ प्रदान करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘... हमें नम्मालवार की नीतियों को दुनिया तक ले जाना चाहिए। हो सकता है कि वह आज हमारे बीच न हों। लेकिन उनकी (नम्मालवार की) नीतियां यहां मौजूद हैं। हम अनुरोध करते हैं कि नम्मालवार को भारत रत्न से सम्मानित किया जाये।’’
पांडियन ने तमिलनाडु को कावेरी जल का उचित हिस्सा दिलाने तथा ‘जल्लीकट्टू’ (सांड को काबू में करने का खेल) को जारी रखने में सक्षम बनाने का श्रेय केंद्र को दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि इस खेल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में इसके आयोजन की अनुमति देने के लिए एक विधेयक पेश किया था।’’
उन्होंने निर्माण कार्यों के लिए कृषि भूमि के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के लिए पर्याप्त कानून बनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘... हम उद्योग के खिलाफ नहीं हैं, हम चाहते हैं कि यह बढ़े लेकिन साथ ही, कृषि का भी विकास होना चाहिए।’’
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