मदुरै, कोयंबटूर के लिए मेट्रो की मंजूरी न देने का केंद्र का फैसला ‘बदले की कार्रवाई’ : स्टालिन
प्रशांत सुरेश
- 19 Nov 2025, 07:15 PM
- Updated: 07:15 PM
चेन्नई, 19 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बुधवार को मदुरै और कोयंबटूर के लिए मेट्रो रेल परियोजनाओं को खारिज करने पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर निशाना साधा और इसे राज्य के लोगों के खिलाफ ‘‘बदले’’ की कार्रवाई बताया।
स्टालिन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्र ने राज्य को ‘मंदिरों के शहर’ मदुरै और ‘दक्षिण भारत के मैनचेस्टर’ कोयंबटूर के लिए मेट्रो की सुविधा से इनकार किया है, जबकि भाजपा शासित राज्यों के छोटे शहरों में भी इसी तरह की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा, “केंद्र की भाजपा सरकार ने मंदिरों के शहर मदुरै और दक्षिण भारत के ‘मैनचेस्टर’ कोयंबटूर के लिए मेट्रो रेल की अनुमति कमजोर दलीलों के आधार पर देने से इनकार कर दिया है। सरकार बिना किसी पक्षपात के जनता की सेवा के लिए होती है। फिर भी, केंद्र की भाजपा सरकार तमिलनाडु की लोकतांत्रिक पसंद (द्रमुक सरकार) से बदला लेने का बहाना बना रही है।”
खबरों के अनुसार, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में मेट्रो रेल नीति, 2017 का हवाला देते हुए तमिलनाडु की ‘द्वितीय श्रेणी’ के दो शहरों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट वापस कर दी है। इस नीति के तहत, 2011 की जनगणना के अनुसार 20 लाख से कम आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को केंद्र सरकार से सहायता नहीं मिल सकती।
केंद्र ने राज्य के प्रस्तावों को खारिज करते हुए अपने पत्र में बताया कि 2011 में कोयंबटूर और मदुरै की जनसंख्या क्रमशः 15.84 लाख और 15 लाख थी, जो निर्धारित सीमा से कम है।
नीति के ‘‘असमान क्रियान्वयन’’ पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आगरा, भोपाल और पटना जैसे शहरों में मेट्रो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो 20 लाख के मानक से नीचे हैं लेकिन (ये) भाजपा शासित राज्यों में स्थित हैं।
उन्होंने तर्क दिया कि केंद्र सरकार भाजपा के खिलाफ तमिलनाडु के लोकतांत्रिक फैसले को वहां के लोगों को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे से वंचित करके “बदला लेने” के एक बहाने के रूप में देख रही है।
स्टालिन ने कहा कि सरकार को सभी के लिए निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए और विपक्ष शासित राज्यों को दंडित करने का ऐसा “कठोर दृष्टिकोण” नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने परियोजनाओं को अस्वीकार किए जाने को “अपमानजनक” बताया।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार, मदुरै और कोयंबटूर के लोगों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी के प्रतिशोधात्मक इरादों को “हराएगी” तथा यह सुनिश्चित करेगी कि इन दोनों शहरों में मेट्रो रेल एक वास्तविकता बने।
इस बीच, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन ने कहा कि तमिलनाडु शहरी समूह (यूए) डेटा (कोयंबटूर में यूए 21 लाख से ज़्यादा है) का इस्तेमाल करके दोबारा आवेदन कर सकता है या विशेष औचित्य बता सकता है - ठीक वैसे ही जैसे आगरा मेट्रो को पर्यटन के लिए मंज़ूरी दी गई थी। भोपाल और पटना के लिए भी ऐसे ही उदाहरण मौजूद हैं।
श्रीनिवासन ने कहा, “राजग के तहत तमिलनाडु को 1.5 लाख करोड़ रुपये की रेल निधि मिली है, जो किसी तमिलनाडु विरोधी एजेंडे का संकेत नहीं है।”
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 लाख से कम आबादी वाले शहरों में मेट्रो को मंजूरी नहीं दी है।
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