कम मांग और दाम ऊंचा लगाने से अधिकांश तेल-तिलहन में सुधार
राजेश राजेश अजय
- 19 Nov 2025, 07:52 PM
- Updated: 07:52 PM
नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) मांग में मामूली सुधार के साथ-साथ खाद्य तेलों के दाम ऊंचा बोले जाने के कारण स्थानीय बाजार में बुधवार को अधिाकांश तेल-तिलहनों के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। इससे सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम में सुधार दिखा। सामान्य व सुस्त कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम स्थिर बने रहे।
शिकॉगो एक्सचेंज में कल देर रात लगभग दो प्रतिशत की मजबूती रही थी और फिलहाल यहां घट-बढ़ है। मलेशिया एक्सचेंज दोपहर 3.30 बजे सुधार के साथ बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों जैसे खाद्य तेल के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक हैं और ऊंचा भाव होने के कारण इसमें लिवाली कमजोर है। सरसों के भाव थोड़ा उपर-नीचे रहने के बावजूद लगभग 70 प्रतिशत की नियमित मांग रहती ही है। जाड़े की हल्की-फुल्की मांग में आई तेजी से सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, सोयाबीन के डी-आयल्ड केक (डीओसी) की जाड़े की मांग बढ़ती है। जिससे सोयाबीन तिलहन के दाम में भी सुधार दिखा। सोयाबीन तेल के दाम ऊंचा बोले जा रहे हैं और नीचे दाम पर किसानों के बिकवाली से बचने के कारण मंडियों में आवक भी कम है। इसलिए सोयाबीन तेल में भी, कल के दाम के मुकाबले सुधार दिख रहा है। इस तेल के थोक दाम डेढ़ से दो प्रतिशत बढ़े हैं लेकिन वस्तुत: अभी भी सोयाबीन तेल के थोक हाजिर दाम, एमएसपी से काफी नीचे हैं। बैंकों का अपना कर्ज चलायमान रखने के लिए आयातक अभी भी लागत से नीचे दाम पर सोयाबीन डीगम तेल की बिक्री कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि दाम ऊंचा बोले जाने की वजह से पाम-पामोलीन तेल के दाम में भी सुधार दिख रहा है। वस्तुस्थिति यह है कि पाम-पामोलीन तेल- जाड़े की मांग घटने के दबाव का सामना कर रहे हैं। मूंगफली से सस्ता होने के कारण मांग निकलने से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार जारी है।
सूत्रों ने कहा कि दिन-प्रतिदिन की खाद्य तेल-तिलहनों की घट-बढ़ से बाजार की वास्तविक तस्वीर को समझना थोड़ा मुश्किल है। हकीकत में, सूरजमुखी, सोयाबीन, मूंगफली, कपास (बिनौला तिलहन) के थोक हाजिर दाम, एमएसपी से काफी नीचे हैं जिससे तेल क्रशिंग मिलें, किसान और तेल उद्योग सभी परेशान हैं। जो देश, आधे से भी अधिक खाद्य तेल की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर करता हो, वहां आयातकों को लागत से नीचे दाम पर अपना माल बेचना पड़े, किसानों को अपनी उपज का एमएसपी से काफी नीचे का दाम मिले, ये बातें परस्पर विरोधाभासी हैं।
सामान्य कामकाज के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम स्थिर रहे।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,200-7,250 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,275-6,650 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,400-2,700 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,490-2,590 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,490-2,625 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,425 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,125 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,275 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,750-4,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,450-4,550 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश