महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया स्थगित करने पर विचार करे : न्यायालय
धीरज नरेश
- 19 Nov 2025, 08:32 PM
- Updated: 08:32 PM
नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर फैसला होने तक स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया स्थगित करने पर विचार करे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण विवाद के संबंध में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी जिसके बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुयान और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई 25 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।
पीठ ने कहा, ‘‘जब तक हम इस मुद्दे पर विचार नहीं कर लेते, तब तक आप नामांकन प्रक्रिया को स्थगित करने पर विचार क्यों नहीं कर सकते?’’
मेहता ने सुनवाई के शुरुआत में दिन के लिए समय मांगते हुए कहा कि स्थानीय निकायों के लिए केवल नामांकन प्रक्रिया चल रही है।
स्थानीय निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का विरोध करने वाले पक्षकारों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अमोल बी करांडे ने दलील दी कि यदि राज्य को नामांकन प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी गई तो फिर चुनाव प्रक्रिया अपरिवर्तनीय हो जाएगी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि न्यायालय इस तथ्य से अवगत है और उन्होंने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे 25 नवंबर को मामले का उल्लेख करें तथा वह इस मुद्दे पर सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने 17 नवंबर को राज्य सरकार से कहा था कि अगले महीने होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक न हो और चेतावनी दी थी कि यदि कोटा सीमा का उल्लंघन हुआ तो चुनाव पर रोक लगा दी जाएगी।
पीठ ने कहा था कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 2022 जे के बंठिया आयोग की रिपोर्ट से पहले की स्थिति के अनुसार ही हो सकते हैं, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों में 27 प्रतिशत कोटा की सिफारिश की गई थी।
शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था जिनमें आरोप लगाया गया था कि कुछ मामलों में राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
पीठ ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट अब भी न्यायालय में विचाराधीन है और न्यायालय ने छह मई तथा 16 सितंबर के अपने आदेशों में केवल यही कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने से पहले की स्थिति के अनुसार कराए जा सकते हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की थी कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के अधिकारी अदालत के सरल आदेशों को जटिल बना रहे हैं, इसलिए स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने को स्थगित कर दिया जाना चाहिए।
राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा चार नवंबर को घोषित कार्यक्रम के अनुसार, महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए चुनाव दो दिसंबर को होंगे, जबकि मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
निर्धारित कार्यक्रम के तहत नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर थी और 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की गई। 21 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे, जबकि चुनाव चिह्न और उम्मीदवारों की सूची 26 नवंबर को प्रकाशित की जाएगी।
भाषा धीरज