पानी की उपलब्धता, उपयोग विश्लेषण से स्थानीय स्तर पर जल सुरक्षा होगी मजबूत: रिपोर्ट
रमण अजय
- 19 Nov 2025, 10:06 PM
- Updated: 10:06 PM
नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) देश के आकांक्षी प्रखंडों में जल की उपलब्धता और उपयोग विश्लेषण (जल बजट) और उपयुक्त उपायों से स्थानीय स्तर पर जल सुरक्षा बढ़ेगी। नीति आयोग ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।
आयोग ने आकांक्षी प्रखंडों में जल की उपलब्धता और उपयोग पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले 11 राज्यों के 18 आकांक्षी प्रखंडों का जल बजट के लिए मूल्यांकन किया गया है। यह प्रभावी जल प्रबंधन के लिए स्थानीय जल बजट को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जीआईजेड इंडिया के साथ सहयोग से तैयार इस रिपोर्ट को नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल ने जारी किया।
बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत एट 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत के विविध परिदृश्यों में सतत और समान जल सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देती है।
नीति सदस्य ने रिपोर्ट के प्रमुख पहलुओं का उल्लेख करते हुए सुझाव दिया कि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए, समुदाय को शामिल कर जल उपलब्धता की स्थिति में सुधार लाने के लिए मापनीय परिणामों के माध्यम से कदम उठाए जाएं। इससे जल तक पहुंच के माध्यम से बेहतर आजीविका के साथ बेहतर बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित होगा।
जल बजट प्रक्रिया में प्रखंड-स्तरीय जल सुरक्षा योजना को बेहतर बनाने और एकीकृत जल प्रबंधन के लिए एक वेब-आधारित मंच, वरुणी, का उपयोग किया गया है।
यह प्रमुख क्षेत्रों... मानव, पशुधन, कृषि और उद्योग, में जल की मांग का अनुमान लगाने के लिए एक संरचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है। साथ ही, सतही जल, भूजल और जल अंतरण जैसे कई स्रोतों से आपूर्ति का भी ध्यान रखता है।
रिपोर्ट में जल उपलब्धता की विभिन्न विशेषताओं वाले 18 आकांक्षी प्रखंडों में वहां की जरूरत के अनुसार रणनीतियों को अपनाने की जरूरत बतायी गयी है।
देश के 11 राज्यों के आठ कृषि-जलवायु क्षेत्रों में फैले ये प्रखंड जल संसाधन से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों को दर्शाते हैं।
जल बजट प्रत्येक प्रखंड के लिए उसकी जल मांग-आपूर्ति परिदृश्य, चुनौतियों और सिफारिशों से संबंधित जानकारी प्रदान करता है और जल सुरक्षा बढ़ाने के लिए उपयुक्त उपायों की पहचान करता है।
भाषा रमण