‘‘अबू धाबी भारतीय कंपनियों को पश्चिम एशिया,अफ्रीका व अन्य बाजारों तक पहुंच बनाने में सक्षम बनाता है’’
निहारिका
- 20 Nov 2025, 01:51 PM
- Updated: 01:51 PM
मुंबई, 20 नवंबर (भाषा) अबू धाबी आर्थिक विकास विभाग के चेयरमैन अहमद जसीम अल जाबी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय कंपनियां अबू धाबी में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं जिससे उन्हें पश्चिम एशिया, अफ्रीका और उससे आगे के प्रमुख बाजारों तक पहुंचने में मदद मिली है।
अल जाबी ने यहां सीआईआई-एडीएफ शिखर सम्मेलन में कहा कि अमीरात केवल लेन-देन के संबंधों के बजाय साझेदारी में विश्वास करता है।
अल जाबी अबू धाबी के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र और मुक्त आर्थिक क्षेत्र, अबू धाबी ग्लोबल मार्केट (एडीजीएम) के चेयरमैन भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत हमेशा से हमारी वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह भूमिका अबू धाबी के दृष्टिकोण में उसके विश्वास को दर्शाती है। भारतीय कंपनियां 2019 और 2024 के बीच 38.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ अबू धाबी में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं। वे पश्चिम एशिया, अफ्रीका और उससे आगे के प्रमुख बाजारों तक पहुंचने में पहले से कहीं अधिक सक्षम हैं। ’’
भारत को उसकी ऊर्जा, प्रतिभा एवं महत्वाकांक्षा के लिए पूरे विश्व को प्रेरित करने वाला देश बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच भौगोलिक निकटता हमेशा मानचित्र पर दो बिंदुओं से अधिक रही है।’’
अल जाबी ने कहा कि भारत में अबू धाबी का निवेश विश्वास एवं साझा महत्वाकांक्षा वाली संस्थाओं की साझेदारी को दर्शाता है, जैसे कि अबू धाबी निवेश प्राधिकरण, मुबाडाला इन्वेस्टमेंट कंपनी, सॉवरेन वेल्थ फंड एडीक्यू और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी आदि जो ‘‘ भारत के वृद्धि क्षेत्रों में पूंजी तथा विशेषज्ञता का उपयोग कर नौकरियां उत्पन्न कर रहे हैं, उद्योगों का निर्माण कर रहे हैं और नवाचार को आगे बढ़ा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अबू धाबी में, हम व्यवसायों को शुरू करने, विस्तार करने और सफल होने में सक्षम बनाते हैं। हम उद्यमों को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों से जोड़ते हैं। हम लेन-देन वाले रिश्तों में नहीं, बल्कि साझेदारी में विश्वास करते हैं और हम अबू धाबी और भारत की संयुक्त उपलब्धियों में असीम संभावनाएं देखते हैं।’’
उन्होंने कहा कि अबू धाबी वर्तमान में भारतीयों सहित लगभग 200 देशों के लोगों का घर है जो इसकी प्रगति और समृद्धि का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
अल जाबी ने कहा, ‘‘ भारतीय उद्यमियों, निवेशकों, नवप्रवर्तकों और पेशेवरों को अबू धाबी में सफलता मिली है और यह एक ऐसी जगह है जो उनकी प्रतिभा एवं उद्यम का सम्मान करती है।’’
उन्होंने भारतीय निवेशकों से कहा कि वे सिर्फ अबू धाबी में ही निवेश न करें बल्कि अबू धाबी के साथ भी निवेश करें। दोनों साझेदारों ने समय के साथ समृद्धि का मार्ग अपनाया है तथा विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल परिस्थितियों में बदला है।
भाषा निहारिका