पुलिस ने कश्मीर टाइम्स के जम्मू कार्यालय पर छापा मारा, एके राइफल के कारतूस बरामद
प्रशांत नेत्रपाल
- 20 Nov 2025, 04:13 PM
- Updated: 04:13 PM
जम्मू, 20 नवंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने देश के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में बृहस्पतिवार को यहां ‘कश्मीर टाइम्स’ के कार्यालय पर छापा मारा और अन्य चीजों के अलावा एके राइफलों के कारतूस तथा पिस्तौल के कुछ कारतूस बरामद किए।
अधिकारियों ने कहा कि एसआईए के अधिकारियों ने प्रकाशकों और प्रवर्तकों के खिलाफ एक मामला दर्ज करने के बाद अखबार के परिसरों और कंप्यूटरों की गहन जांच की।
उन्होंने बताया कि छापेमारी में एसआईए ने एके राइफल के कारतूस, पिस्तौल के कुछ कारतूस और हैंड ग्रेनेड पिन समेत अन्य सामान जब्त किया।
अधिकारियों ने कहा कि प्रकाशन के प्रवर्तकों से पूछताछ हो सकती है।
वहीं, कश्मीर टाइम्स के प्रबंधन ने प्रकाशन के जम्मू कार्यालय में कथित छापे की कड़ी आलोचना की और कहा कि राज्य के खिलाफ गतिविधियों के आरोप एक स्वतंत्र मीडिया संस्थान को दबाने की एक सोची-समझी कोशिश है।
सोशल मीडिया पर जारी एक संयुक्त बयान में, संपादक प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन ने कहा, “जम्मू में हमारे कार्यालय पर कथित छापा, राष्ट्र के खिलाफ गतिविधियों के बेबुनियाद आरोप और कश्मीर टाइम्स पर समन्वित कार्रवाई हमें चुप कराने की एक और कोशिश है।”
उन्होंने कहा, “सरकार की आलोचना करना और सरकार से दुश्मनी करना एक जैसा नहीं है। असल में, यह इसका बिल्कुल उल्टा है। एक मजबूत, सवाल पूछने वाला प्रेस एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है। सत्ता को जिम्मेदार ठहराने, भ्रष्टाचार की जांच करने, पिछड़ी आवाजों को पुरजोर करने का हमारा काम हमारे देश को मजबूत करता है। यह इसे कमजोर नहीं करता।”
आरोपों को “डराने का तरीका” बताते हुए संपादकों ने कहा, “हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप डराने, गलत साबित करने और आखिर में चुप कराने के लिए हैं। हम चुप नहीं रहेंगे।” छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा कि कार्रवाई तभी होनी चाहिए जब गलत काम साबित हो जाए, न कि दबाव के लिए।
चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “अगर उन्होंने कुछ गलत किया है, तो कार्रवाई की जानी चाहिए...अगर आप सिर्फ दबाव बनाने के लिए ऐसा करते हैं, तो यह गलत होगा।”
चौधरी ने कहा, “पत्रकारिता को मुक्त माहौल मिलना चाहिए। यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। उन्हें मौका दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी आवाज मजबूती से रख सकें। अगर कोई सच छाप रहा है, तो उस पर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।”
एसआईए की कार्रवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे एजेंसियों की जांच के काम करने के तरीके पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन एक जैसे मानक की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अगर आप छापा करना चाहते हैं, तो सभी पर करें। किसी को चुनकर न करें।”
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