पूर्व बैंक प्रबंधक, उनके परिवार ने 'डिजिटल अरेस्ट' मामले में गंवाए 67 लाख रुपये
सं दिमो जोहेब
- 20 Nov 2025, 11:54 PM
- Updated: 11:54 PM
भोपाल, 20 नवंबर (भाषा) भोपाल के एक सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक और उनके परिवार से ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिये 67 लाख रुपये से अधिक की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है।
एक अधिकारी ने बताया कि ठगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर पूर्व प्रबंधक को आतंकी व वित्तीय धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी।
अधिकारी ने बताया कि यह अपराध 17 से 19 नवंबर के बीच हुआ।
भोपाल के बावड़िया कलां में शिव रॉयल कोर्ट की रहने वालीं स्नेहलता देशमुख ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने शिकायत में, कहा कि वह 67 साल के पति दयाराम देशमुख और बेटे पीयूष के साथ रहती हैं। दयाराम बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के प्रबंधक रह चुके हैं।
शिकायत के मुताबिक, 17 नवंबर को एक व्यक्ति ने उनके पति के मोबाइल पर फोन किया और खुद को 'रणजीत कुमार' नामक पुलिस अधिकारी बताया।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि जब स्नेहलता ने फोन पर बात की, तो फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि उनका पति आतंकी गतिविधि में शामिल है।
पुलिस के अनुसार फोन करने वाले ने महिला को एक केस नंबर भी बताया।
बयान में कहा गया है कि फोन करने वाले ने दावा किया कि अली फौजी नामक आतंकवादी ने सात करोड़ रुपये का गबन किया है, जिसमें से 70 लाख रुपये कथित तौर पर उनके पति के बैंक खाते में आ गए हैं, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
पुलिस के अनुसार महिला ने बताया कि फोन करने वाले ने उसे धमकी दी कि अगर उसने यह बात किसी को बताई तो वह उन्हें जान से मार देगा।
पुलिस के अनुसार कॉल करने वाले ने परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड, बैंक अकाउंट की जानकारी और सावधि जमा राशि का ब्यौरा भी मांगा और महिला ने डर के चलते ये सब साझा कर दिया।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को इस बारे में बताया।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने यह भी कहा कि परिवार महिला के पति को गिरफ्तार होने से तभी बचा सकता है जब उसके बताए बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने भरोसा दिलाया कि अगले दिन पैसे वापस कर दिए जाएंगे, इसके बाद उसने उन्हें पैसे ट्रांसफर करने को कहा।
पीड़ित ने पुलिसवाला समझकर सोमवार को 68.26 लाख रुपये की सावधि जमा बचत तोड़ लीं और मंगलवार को जालसाजों के बताए खाते में 67,50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस ने बताया कि जब फोन करने वाले ने और पैसे मांगे तब महिला को पता चला कि यह धोखाधड़ी है।
इसके बाद, उसने साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी की रकम में से 5.17 लाख रुपये रोक कर रखे जा सके, जबकि बाकी पैसे जालसाज पहले ही निकाल चुके थे।
भाषा सं दिमो