‘एक्सपायर’ दवा देने का मामला: तीन महिलाओं की हालत और बिगड़ी, मेदिनीपुर से कोलकाता ले जाया जाएगा
पारुल सुभाष
- 13 Jan 2025, 12:10 AM
- Updated: 12:10 AM
कोलकाता, 12 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ दवा चढ़ाए जाने के कारण गंभीर रूप से बीमार पड़ी तीन महिलाओं की हालत और नाजुक हो गई है, जिसके चलते प्राधिकारियों ने उन्हें रविवार को कोलकाता के एक अस्पताल में स्थानांतरित करने का फैसला किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पांच महिलाओं को प्रसव के बाद जो दवा चढ़ाई गई थी, वह कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ (इस्तेमाल करने की अवधि समाप्त हो गई थी) हो चुकी थी। इनमें से एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि चार अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन महिलाओं की तबीयत और बिगड़ गई है, जबिक एक अन्य की हालत में सुधार हुआ है और उसे मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ही रखा जाएगा।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “तीन महिलाएं, जो अभी जीवन-रक्षक प्रणाली पर हैं, उनमें स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताएं उत्पन्न हो गई हैं और उनकी हालत बेहद नाजुक है। हमने उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के आईसीसीयू (इंटेंसिव कोरोनरी केयर यूनिट) में भर्ती करने का फैसला किया है। तीनों को आज शाम तक कोलकाता लाया जाएगा।”
अधिकारी के मुताबिक, तीनों महिलाओं को पश्चिम मेदिनीपुर से कोलकाता ले आने के लिए राज्य सरकार ने एक ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाने का आदेश दिया है और सभी टोल प्लाजा को सूचित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, “तीनों महिलाओं को एएलएस एंबुलेंस से कोलकाता लाया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकार की जीवन-रक्षक एवं सहायक प्रणालियां मौजूद हैं। जिला अधिकारी को सूचित कर दिया गया है।”
अधिकारी के अनुसार, एसएसकेएम अस्पताल में तीनों महिलाओं के लिए बिस्तर तैयार कर दिए गए हैं।
हालांकि, तीनों महिलाओं के परिजनों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें (तीनों महिलाओं को) एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित करने के फैसले को लेकर उनसे कोई परामर्श नहीं किया।
एक अधिकारी के अनुसार, एमएमसीएच में चिकित्सा बोर्ड तीनों महिलाओं को कोलकाता स्थानांतरित करने के लिए "आगे बढ़ने" से पहले उनकी मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन कर रहा था।
उन्होंने कहा, “तीनों महिलाओं की हालत गंभीर है। चिकित्सा बोर्ड इस बात का मूल्यांकन कर रहा है कि क्या वे मेदिनीपुर से कोलकाता तक की यात्रा को झेल पाएंगी।”
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने कहा कि समिति एमएमसीएच की घटना के संबंध में अपने निष्कर्षों पर अंतिम रिपोर्ट सोमवार को सौंपेगी।
निगम, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और एमएमसीएच के प्राचार्य ने रविवार को एसएसकेएम में समिति के सदस्यों के साथ बैठक की।
निगम ने कहा, “हमने इस मामले पर विस्तृत चर्चा की। वे (समिति) कल हमें अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगे और फिर अगले कदम पर फैसला किया जाएगा। हमने तीनों महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति पर भी चर्चा की।”
विशेष ड्यूटी पर तैनात अधिकारी अनिरुद्ध नियोगी ने पत्रकारों से कहा कि महिलाओं को चढ़ाए गए ‘रिंगर लैक्टेट’ (आरएल) में अशुद्धियां हो सकती हैं, लेकिन दवा नियंत्रण अधिकारियों द्वारा इसकी जांच किए जाने की जरूरत है।
भाषा पारुल