पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व विकास हो रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
शोभना मनीषा
- 23 May 2025, 05:48 PM
- Updated: 05:48 PM
(तस्वीरों सहित)
नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कभी ‘‘बम, बंदूक और नाकेबंदी’’ का पर्याय रहा पूर्वोत्तर क्षेत्र अब अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है और सरकार उसकी विकास गाथा को गति देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
प्रधानमंत्री ने ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है और क्षेत्र का प्रत्येक राज्य निवेश और नेतृत्व के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पूर्वोत्तर दो रणनीतिक क्षेत्रों -ऊर्जा और सेमीकंडक्टर- के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को मजबूत करने में असम की भूमिका बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के सेमीकंडक्टर संयंत्र से पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप जल्द ही पेश की जाएगी जो इस क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए अवसर खुलेंगे और भारत के उच्च तकनीक औद्योगिक विकास में क्षेत्र की स्थिति मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास में शांति और कानून व्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर एक समय "बम, बंदूक और नाकेबंदी" का पर्याय था जिसने वहां के युवाओं से बहुत से अवसर छीन लिए।
प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ चाहे आतंकवाद हो या नक्सलवाद, हमारी सरकार की नीति इन्हें कतई बर्दाश्त नहीं करने की है।’’
मोदी ने कहा कि शांति समझौतों के लिए सरकार के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले 10-11 वर्षों में 10,000 युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति की राह अपनाई है।
उन्होंने कहा कि इस बदलाव से क्षेत्र में रोजगार और उद्यमशीलता के नए अवसर पैदा हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों में जलविद्युत और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक निवेश किया है और कई हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर एक समृद्ध जैव-अर्थव्यवस्था और बांस उद्योग, चाय उत्पादन और पेट्रोलियम, खेल और कौशल के साथ-साथ इकोटूरिज्म के लिए एक उभरता हुआ केंद्र है।
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में अष्टलक्ष्मी का सार समाहित है, जो समृद्धि और अवसर लेकर आती है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र जैविक उत्पादों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है और ऊर्जा का एक केंद्र है।
उन्होंने दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘ पूर्वोत्तर क्षेत्र अभूतपूर्व प्रगति देख रहा है। हम इसकी विकास गाथा को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, नौकरशाह, राजनयिक तथा अन्य लोग शामिल हो रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में उद्योगपति मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी, अनिल अग्रवाल तथा अन्य लोग शामिल हुए।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लिए ‘ईस्ट’ का मतलब है: ‘‘सशक्तीकरण, कार्य, सुदृढ़ीकरण और परिवर्तन’’ जो क्षेत्र के लिए नीतिगत ढांचे को परिभाषित करता है।
उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण ने पूर्वी भारत, विशेष रूप से पूर्वोत्तर को देश के विकास पथ के केंद्र में रखा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ‘लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट’ तक एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है और इस सक्रिय दृष्टिकोण के परिणाम स्पष्ट हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ पूर्वोत्तर को कभी केवल एक सीमांत क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब यह भारत की विकास गाथा में अग्रणी बनकर उभर रहा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को अवसरों की भूमि के रूप में पेश करना, वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करना और प्रमुख हितधारकों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का इस क्षेत्र के साथ जुड़ाव नीतिगत कदमों से कहीं आगे है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने पूर्वोत्तर में 700 से अधिक दौरे किए हैं जो उस स्थान को समझने, लोगों की आंखों में आकांक्षाओं को देखने और विश्वास को विकास नीतियों में बदलने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भाषा शोभना