राज्य में खाद की कोई कमी नहीं: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री
जफर खारी
- 25 Jun 2025, 12:28 AM
- Updated: 12:28 AM
लखनऊ, 24 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को कहा कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं है और सभी 75 जिलों में 25.74 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है।
शाही ने कहा कि किसान को ऊंचे दामों पर खाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
कृषि मंत्री लोक भवन के मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश में खाद के भंडारण की स्थिति की जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि 22 और 23 जून को लखनऊ, सीतापुर समेत कई जिलों में औचक निरीक्षण किया गया और इस दौरान कई खाद विक्रेताओं के रजिस्टर, भंडार, दाम सूची और रसीदों की जांच की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिक दाम वसूलने, रजिस्टर में गड़बड़ी के मामलों में संबंधित प्रतिष्ठानों को सील कर उनके लाइसेंस निलंबित या निरस्त कर दिए गए हैं। कई स्थानों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।’’
सीतापुर के जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार से जब पूछा गया कि पिछली बार निरीक्षण कब किया गया तो उन्होंने बताया कि मार्च के बाद से वे निरीक्षण पर नहीं गए, यह बात सुनते ही मंत्री ने उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए और कहा कि समय-समय पर निरीक्षण करना अधिकारी का कर्तव्य है।
प्रदेश के सभी अधिकारियों के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक करते हुए उन्हें निर्देशित किया गया कि खाद की बिक्री में पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित करें और अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए।
उन्होंने बताया कि लखनऊ के बीकेटी में दो खाद विक्रेताओं के यहां निरीक्षण के दौरान बिक्री रजिस्टर की जांच की गई और मोबाइल पर संपर्क किए गए किसानों ने बताया कि उन्हें महंगे दाम पर खाद बेची गई।
मंत्री ने कहा, ‘‘किसानों के बयानों को रिकॉर्ड कर इन विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी गई और लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।’’
सीतापुर जिले के सिधौली और सांडा में निरीक्षण के दौरान कई दुकानदार ताला लगाकर फरार हो गए, जिनके प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया।
राज्य के कृषि मंत्री ने बताया कि इन दुकानों से नमूने लिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कृषि मंत्री ने स्पष्ट कहा कि किसी भी कंपनी का उर्वरक जबरन किसानों को नहीं दिया जाएगा, कोई भी विक्रेता मुख्य उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद भी बेचता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि दुकानों पर दाम सूची अवश्य लगाई जाए, रसीद देना अनिवार्य है और खाद की बिक्री किसानों की खतौनी के आधार पर ही हो।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 1,07,000 खुद्रा लाइसेंस जारी हुए हैं और इनमें से 23,000 से अधिक लाइसेंस पोर्टल से हटा दिए गए हैं जो चालू नहीं हैं।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उर्वरक का संतुलित उपयोग सिखाया जाए।
भाषा जफर