शाह के नेतृत्व में वरिष्ठ नेताओं, हजारों नागरिकों ने राजकोट में रूपाणी को श्रद्धांजलि दी
प्रशांत माधव
- 16 Jun 2025, 10:34 PM
- Updated: 10:34 PM
(तस्वीरों के साथ)
अहमदाबाद/राजकोट, 16 जू्न (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नेताओं ने एअर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जबकि राजकोट में सोमवार को उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग कतार में खड़े थे।
जब रूपाणी का पार्थिव शरीर हवाई अड्डे से राजकोट में उनके आवास तक लाया गया तो बड़ी संख्या में लोग सड़क के दोनों ओर उनके अंतिम दर्शन के लिये खड़े थे। अंतिम संस्कार से पहले फूलों से सजे वाहन में पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया गया।
शाह, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे जिन्होंने रूपाणी को उनके आवास पर पुष्पांजलि अर्पित की।
पूर्व मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर अहमदाबाद से राजकोट लाए जाने से पहले उनके आवास पर पहुंचा तो लोग सड़क के दोनों ओर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए कतारों में खड़े थे।
यह शव यात्रा राजकोट के बाहरी इलाके में ग्रीनलैंड चौराहे से शुरू हुआ और दिवंगत भाजपा नेता के आवास तक पहुंचा।
रूपाणी के समर्थकों ने उन के शव पर फूल बरसाए और नारा लगाया, “विजयभाई तुम अमर हो।” अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा उनके घर से लेकर श्मशान घाट तक पहुंची।
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अहमदाबाद में रूपाणी का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया गया। पार्थिव शरीर को विशेष विमान से राजकोट लाया गया।
रूपाणी का शव इतनी बुरी तरह जल चुका था कि उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी, इसलिए रविवार को शव की पहचान उनके रिश्तेदारों के डीएनए नमूनों से मिलान के बाद की गई।
शहर के सरकारी अस्पताल में सोमवार को जब रूपाणी का शव उनके परिजनों को सौंपा गया तो उस समय उनकी पत्नी अंजलि रूपाणी और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे।
रूपाणी, लंदन जा रही एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में शामिल थे जो 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
विमान में सवार लोगों में से 241 की मौत हो गई। केवल एक यात्री ही बच पाया। इसके अलावा इस त्रासदी में जमीन पर 29 लोगों की मौत हो गई जिसमें एमबीबीएस के पांच छात्र भी शामिल हैं।
अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे 68 वर्षीय रूपाणी ने कोविड-19 के बाद के महत्वपूर्ण दौर में राज्य का नेतृत्व किया था।
भाषा प्रशांत