ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद अमेरिकी प्रवर्तन एजेंसियां हाई अलर्ट पर
एपी अमित नरेश
- 24 Jun 2025, 04:21 PM
- Updated: 04:21 PM
वाशिंगटन, 24 जून (एपी) अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले के बाद "खतरे बढ़ने" की चेतावनी दी है। वहीं फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) उप निदेशक ने कहा है कि जवाबी हिंसा रोकने के लिए ब्यूरो पूरी तरह से तैयार है।
न्यूयॉर्क जैसे प्रमुख शहरों में स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कहा है कि वे हाई अलर्ट पर हैं।
अमेरिकी हमले के बाद से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए कोई विश्वसनीय खतरा सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि सोमवार को अमेरिका द्वारा इजराइल और ईरान के बीच घोषित संभावित संघर्षविराम का संभावित खतरों पर क्या असर होगा या ऐसी व्यवस्था कितनी स्थायी होगी।
हालांकि हाल के वर्षों में अमेरिकी धरती पर राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाने के लिए ईरान द्वारा उठाए गए कदमों को देखते हुए प्रतिशोध की आशंका गलत नहीं है।
हाल के वर्षों में ईरान समर्थित हैकर्स ने अमेरिकी ठिकानों पर भी साइबर हमले किये हैं।
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि पिछले दशक में ईरान की सबसे आम रणनीति, सामूहिक हिंसा की योजना बनाने के बजाय, सुपारी देकर हत्या की साजिश रचने की रही है। उसका आरोप है कि इसके तहत सरकारी अधिकारी, सार्वजनिक अधिकारियों और असंतुष्टों की हत्या कराने के लिए रूसी और अन्य गैर-ईरानी लोगों का इस्तेमाल भी शामिल है।
तेहरान ने इन साजिशों से बार-बार इनकार किया है, लेकिन एफबीआई और न्याय विभाग द्वारा लगातार इन्हें विफल किया गया है और उजागर किया गया है।
सेंटर फार स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में पश्चिम एशिया विशेषज्ञ जॉन अल्टरमैन ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान उसी परिचित तरीके को अपनाने का इरादा रखता है या उसके पास बड़े पैमाने पर हमले को सफलतापूर्वक अंजाम देने की क्षमता या महत्वाकांक्षा है, लेकिन सरकार को अपने लोगों को यह दिखाने की आवश्यकता महसूस हो सकती है कि उसने आत्मसमर्पण नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने की क्षमता, प्रयास करने की क्षमता से भिन्न है। यह दर्शाना कि आप ऐसा करने से डरते नहीं हैं, यह अपने आप में लक्ष्य को हासिल करने की बड़ी क्षमता है।’’
अमेरिकी समय के अनुसार शनिवार शाम को हुए हमले के कुछ घंटे बाद, एफबीआई और डीएचएस अधिकारियों ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक बैठक की और उन्हें खतरे के परिदृश्य के बारे में जानकारी दी। यह जानकारी माइकल मास्टर्स ने दी, जिन्होंने सिक्योर कम्युनिटी नेटवर्क के संस्थापक निदेशक के रूप में इसमें भाग लिया था। यह यहूदी सुरक्षा संगठन है जो ईरानी खतरों पर नजर रखता है।
सप्ताहांत में जारी डीएचएस बुलेटिन में चेतावनी दी गई कि कई विदेशी आतंकी संगठनों ने पश्चिम एशिया में अमेरिकी संपत्तियों और कर्मियों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया है। इसने इस बात की भी चेतावनी दी कि इस बात की आशंका बढ़ गई है कि "ईरानी शासन का कोई समर्थक देश में हिंसा की कार्रवाई करने के लिए प्रेरित हो सकता है।’’
मास्टर्स ने कहा, ‘‘हम जिस मात्रा में ऑनलाइन सामग्री पर नजर रख रहे हैं, वह इस समय बहुत ज़्यादा है।’’
अमेरिकी न्याय विभाग ने नवंबर में खुलासा किया कि उसने 2024 के चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप को मारने की साजिश को विफल कर दिया, जो ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने वाले 2020 के हमले पर शासन के लंबे समय से जारी आक्रोश का प्रतिबिंब है।
साजिश का खुलासा एक आरोपी ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को किया था, जो ईरान सरकार का एजेंट था और जिसने डकैती के लिए अमेरिकी जेलों में सजा काटी थी। उस पर तेहरान द्वारा निगरानी और हत्या की साजिश रचने के लिए भर्ती किए गए आपराधिक सहयोगियों का एक नेटवर्क बनाए रखने का आरोप है।
अधिकारियों ने कहा कि फरहाद शकेरी नामक इस व्यक्ति ने एफबीआई को बताया कि ईरान के अर्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड में उसे पिछले सितंबर में निर्देश दिया था कि वह अपने अन्य कामों को दरकिनार करके सात दिनों के भीतर ट्रंप की निगरानी करने और अंततः उन्हें मारने की योजना बनाए।
एक आपराधिक शिकायत में कहा गया है कि उसने बताया कि उक्त अधिकारी ने उससे कहा था कि यदि वह उस समय-सीमा के भीतर कोई योजना नहीं बना पाए, तो साजिश को चुनाव के बाद तक स्थगित कर दिया जाएगा, क्योंकि अधिकारी ने मान लिया था कि ट्रंप चुनाव हार जाएंगे और तब उन्हें मारना आसान होगा।
जॉन बोल्टन को सुलेमानी पर हमले से महीनों पहले ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद से हटा दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्हें निशाना बनाते हुए एक साजिश रची गई। इसके बारे में अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उक्त साजिश रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक सदस्य द्वारा रची गई थी और इसमें हत्या के लिए 300,000 अमेरिकी डॉलर की पेशकश शामिल थी।
साजिश के पीछे जो ऑपरेटिव था, उसे पता नहीं था कि जिस व्यक्ति को वह हत्या को अंजाम देने के लिए काम पर रख रहा था, वह वास्तव में एक गोपनीय मुखबिर था जो गुप्त रूप से एफबीआई के साथ काम कर रहा था।
न्याय विभाग ने अगस्त 2022 में आपराधिक आरोप दाखिल किए, जबकि ऑपरेटिव शाहराम पोरसाफी अभी भी फरार है।
ऐसा ही मामला न्यूयॉर्क में एक प्रमुख ईरानी अमेरिकी पत्रकार और कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद के साथ हुआ। उन्हें ईरान द्वारा उनके उस ऑनलाइन अभियान के लिए निशाना बनाया गया था, जिसमें उन्होंने महिलाओं को खुले बालों का वीडियो बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था। यह सार्वजनिक स्थानों पर बाल ढंकने के आदेश का उल्लंघन था।
एपी अमित