उप्र में बड़े घोटालों में भगोड़ों पर शिकंजा कसेगा आर्थिक अपराध शाखा
किशोर जफर अमित
- 24 Jun 2025, 09:24 PM
- Updated: 09:24 PM
मेरठ, 24 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बड़े घोटाले से जुड़े भगोड़ों पर शिकंजा कसते हुए आर्थिक अपराध के मामलों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाने का मंगलवार को आदेश दिया।
महानिदेशक (ईओडब्ल्यू) नीरा रावत ने मेरठ में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त लोगों की एक विशेष सूची तैयार करने और उनकी गिरफ्तारी के लिए लक्षित कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस मुख्यालय से मंजूरी प्राप्त करने का निर्देश दिया।
यह निर्देश कई करोड़ रुपये के बाइक बॉट घोटाले और अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति धोखाधड़ी जैसे मामलों की पृष्ठभूमि में आया है, दोनों मेरठ क्षेत्र में जांच के दायरे में हैं।
अधिकारियों ने कहा कि अकेले छात्रवृत्ति घोटाले में हजारों छात्रों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का गबन शामिल है, जबकि बाइक बॉट मामला करोड़ों रुपये का है, जो इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े वित्तीय धोखाधड़ी में से एक बनाता है।
बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया, "तीन घंटे की बैठक में रावत ने महानिरीक्षक के. सुनील इमैनुएल, पुलिस अधीक्षक (मेरठ ईओडब्ल्यू) राजीव दीक्षित और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जांच फाइलों की समीक्षा की।"
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "मेरठ ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और गबन से जुड़े 30 से अधिक बड़े मामलों में जांच प्रयासों को तेज करने और लंबित जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। इनमें स्टांप ड्यूटी चोरी, पीडीएस राशन घोटाले और अन्य वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं।"
रावत ने अधिकारियों को समय सीमा के भीतर जांच पूरी करने, गुणदोष के आधार पर साक्ष्य एकत्रित करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अदालत में प्रस्तुतियां कानूनी रूप से मजबूत हों। उन्होंने उन मामलों में प्रभावी अदालती प्रतिनिधित्व पर भी जोर दिया, जहां आरोप पत्र पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं।
अधिकारियों को स्थानीय बुनियादी ढांचे की खामियों की पहचान करने और आवश्यक सुधारों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया।
भाषा किशोर जफर