भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय को वैश्विक तंबाकू नियंत्रण के लिए ‘ब्लूमबर्ग फिलैन्थ्रॉपी अवॉर्ड’ मिला
खारी अविनाश
- 24 Jun 2025, 07:49 PM
- Updated: 07:49 PM
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को ‘ओ’ श्रेणी में वैश्विक तंबाकू नियंत्रण के लिए ‘ब्लूमबर्ग फिलैन्थ्रॉपी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) की नीति के तहत तंबाकू का सेवन छोड़ने में लोगों की मदद को मान्यता देता है।
‘एमपीओडब्ल्यूईआर’ रणनीति के तहत दिया जाने वाला यह पुरस्कार आयरलैंड के डबलिन में तंबाकू नियंत्रण संबंधी विश्व सम्मेलन में 23 जून (स्थानीय समय) को देर रात एक विशेष समारोह के दौरान माइकल आर ब्लूमबर्ग द्वारा प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार, लाखों लोगों को तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए सहायता प्रदान करने के भारत के अनुकरणीय प्रयासों को दिखाता है।
भारत के साथ-साथ मॉरीशस, मैक्सिको, मोंटेनेग्रो, फिलीपीन और यूक्रेन की सरकारों और गैर सरकारी संगठनों को भी तंबाकू के सेवन को रोकने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘यह उपलब्धियां दर्शाती हैं कि जब सरकारें और नागरिक समाज स्वास्थ्य की रक्षा के लिए निर्णायक रूप से कार्य करते हैं तो क्या-क्या संभव हो पाता है। इन पुरस्कार विजेताओं ने न केवल तंबाकू नियंत्रण उपायों को लागू किया है; उन्होंने संघर्ष और उद्योग हस्तक्षेप सहित जटिल परिस्थितियों में भी ऐसा कर दिखाया।’’
‘ब्लूमबर्ग फिलैन्थ्रॉपी’ के संस्थापक ब्लूमबर्ग ने पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, ‘‘हम उनके नेतृत्व, साक्ष्य-आधारित नीतियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और लाखों लोगों के जीवन को बचाने में उनके योगदान की सराहना करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ब्लूमबर्ग फिलैन्थ्रॉपी ने लंबे समय से विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य के साथ मिलकर काम किया है जो इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं, और वैश्विक तंबाकू नियंत्रण के लिए इस वर्ष के पुरस्कारों के विजेता यह साबित करते हैं कि कैसे लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।’’
भारत को मिला पुरस्कार राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के माध्यम से मोदी सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है। एनटीसीपी के तहत जिला अस्पतालों में 675 से अधिक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं और वित्त वर्ष 2023-24 में 13 लाख से अधिक परामर्श सत्र आयोजित किए गए।
भाषा खारी