बिजली का करंट लगने से मरने वाले मजदूर की पत्नी ने कहा, मदद मांगने पर ठेकेदार ने दरवाजा बंद कर लिया
प्रशांत दिलीप
- 24 Jun 2025, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
(वर्षा सागी)
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के खड्डा कॉलोनी में एक निर्माणाधीन मकान में बिजली का करंट लगने से जान गंवाने वाले मजदूर शिवम की पत्नी आरती ने मंगलवार को बताया, “मैंने दरवाजा खटखटाया और मिन्नतें कीं, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया”।
पारिवारिक विवाद के बाद यह जोड़ा उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के नगला खेमकरन से दिल्ली आया था। पड़ोसी सपना ने बताया, “वे यहां नई शुरुआत करने आए थे। और अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है।”
शिवम की 23 जून को अपराह्न करीब 3:30 बजे जैतपुर एक्सटेंशन पार्ट-2 की गली नंबर 10 में एक निर्माणस्थल पर काम करते समय बिजली के तार के संपर्क में आने से मौत हो गई थी। शिवम के परिवार में उसकी पत्नी, बेटी (11) और बेटा (7) हैं।
आरती भी उसी जगह पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करती थी। उसके पति ने उसकी आंखों के सामने अंतिम सांस ली और वह असहाय देखती रह गयी। इस दौरान उसकी चीखें सुनकर वहां जमा हुए लोगों की भीड़ में से कोई भी मदद के लिये नहीं आया, न ही ठेकेदार ने कोई मदद की।
शिवम घर की ऊपरी मंजिल पर रेत ले जा रहा था। आरती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “वह नंगे तार के संपर्क में आ गया। उसका शरीर कंपकंपाने लगा। मैं ऊपर की ओर भागी और उसे तार से अलग करने के लिए लकड़ी का डंडा उसके हाथ पर मारा।”
आरती ने बताया कि वह मदद मांगने के लिए बगल में स्थित ठेकेदार के घर पहुंची। उसने बताया, “मैंने दरवाजा खटखटाया और गुहार लगाई, लेकिन उसने दरवाजा बंद कर लिया और घंटों तक कोई जवाब नहीं दिया।”
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “शिवम का शव एक नाले के पास पड़ा मिला।”
एक अन्य निवासी ने बताया कि भीड़ जमा होने के बावजूद पड़ोस से कोई भी आरती की मदद के लिए आगे नहीं आया। उन्होंने दावा किया, “वह अकेली थी, किसी ने मदद नहीं की। कई लोग यह भी कह रहे हैं कि ठेकेदार के खिलाफ पहले से ही ऐसे ही कुछ मामले दर्ज हैं।”
पुलिस ने बताया कि घटना के बाद ठेकेदार और इमारत का मालिक मौके से फरार हो गए और अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कालिंदी कुंज थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
भाषा प्रशांत