बड़े परदे पर फिर से दिखेगा गुरुदत्त की क्लासिक फिल्मों का जादू
आशीष माधव
- 09 Jul 2025, 08:40 PM
- Updated: 08:40 PM
मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) दिग्गज फिल्मकार गुरुदत्त की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनकी मशहूर फिल्मों का विशेष पुनरावलोकन आठ से 10 अगस्त तक देश भर में आयोजित किया जाएगा। ‘अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट’ ने इसकी घोषणा की है।
इस आयोजन में गुरुदत्त की सर्वाधिक चर्चित फिल्मों के फिर से संवारे गए संस्करण प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें "प्यासा", "आर पार", "चौदहवीं का चांद", "मिस्टर एंड मिसेज 55" और "बाज" शामिल हैं।
‘‘प्यासा’’ और अन्य फिल्मों के संवारे गए संस्करण का कार्य केंद्र सरकार के राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम और भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार द्वारा किया गया है।
इन फिल्मों का अधिकार रखने वाली अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार अग्रवाल ने कहा कि वे दिवंगत फिल्मकार-अभिनेता की कालजयी फिल्मों को उनके प्रशंसकों और सिनेमा प्रेमियों के लिए प्रस्तुत करने पर गौरवान्वित हैं।
अग्रवाल ने एक बयान में कहा, "गुरुदत्त की फिल्में कालजयी कृतियां हैं जिन्होंने फिल्मकारों और दर्शकों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रभावित किया है। हमें उनकी क्लासिक फिल्मों के संवारे गए संस्करणों को प्रस्तुत करते हुए गर्व हो रहा है ताकि उनके प्रशंसक और नए दर्शक, दोनों ही बड़े पर्दे पर उनके जादू को फिर से जी सकें।"
अल्ट्रा मीडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी रजत अग्रवाल ने कहा कि अगस्त का महीना गुरुदत्त की फिल्मों को सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज़ करने का सबसे उपयुक्त समय है।
उन्होंने यह भी कहा कि महोत्सव से पहले वे उद्योग जगत की हस्तियों के साथ एक गोलमेज चर्चा की योजना बना रहे हैं।
अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "हम इसे अच्छे तरीके से करना चाहते थे और सिनेमाघरों में कौन सी फिल्में आ रही हैं, इसकी एक स्पष्ट जानकारी चाहते थे। हमने सोचा कि 8 से 10 अगस्त एक अच्छा समय होगा, और यह स्वतंत्रता दिवस के करीब है, इसके अलावा सप्ताहांत का समय भी है।" अग्रवाल कहा कि उनका लक्ष्य फिल्मों को देश भर में 250 से 500 स्क्रीन पर रिलीज़ करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि वे कुछ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में फिल्मों को फिर से रिलीज़ करने के विचार पर भी विचार कर रहे हैं।
अग्रवाल ने कहा, "इसके अलावा, हम अंतरराष्ट्रीय रिलीज़ की भी योजना बना रहे हैं। हम फ्रांस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों को लक्षित कर रहे हैं, जिनके साथ हम अभी बातचीत कर रहे हैं। हम डिजिटल और सैटेलाइट अधिकारों के लिए उनकी फिल्मों की काफी बिक्री करते हैं।"
अग्रवाल ने कहा, "हमें पता है कि उनकी फिल्मों के लिए विदेशों में भी दर्शक हैं। हमने पहले भी उस महोत्सव में उनकी फिल्मों के प्रदर्शन के अधिकार हासिल किए हैं, जहां उनकी फिल्में दिखाई जाती हैं।"
राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के प्रबंध निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा, "गुरुदत्त की फिल्मों को नए सिरे से संवारना पुरानी रील को पुनर्जीवित करने से कहीं आगे की बात है। यह उस अमूल्य विरासत की रक्षा करने से संबंधित है जो भारतीय सिनेमा की आत्मा को परिभाषित करती है।"
भाषा आशीष