विकास संबंधी चुनौतियां हमारे सामने हैं, ‘भाषाई श्रेष्ठताबोध’ से बचें : भाजपा नेता राम माधव
शफीक अविनाश
- 09 Jul 2025, 08:49 PM
- Updated: 08:49 PM
मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव ने बुधवार को ऐसे समय में ‘‘भाषाई श्रेष्ठताबोध’’ से बचने का सुझाव दिया, जब विकास संबंधी चुनौतियां सामने हैं।
‘इंडिया फाउंडेशन’ के अध्यक्ष माधव ने कहा कि प्रत्येक स्थानीय भाषा का सम्मान करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भावनात्मक मुद्दों पर हिंसा या उसे भड़काने से बचा जाना चाहिए।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) द्वारा माधव की हालिया पुस्तक ‘द न्यू वर्ल्ड’ पर यहां आयोजित परिचर्चा के दौरान भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमें भाषाई श्रेष्ठताबोध की ओर नहीं बढ़ना चाहिए, क्योंकि विकास जैसी कहीं चुनौतियां हमारे सामने हैं।’’
महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के प्रयास के बाद त्रि-भाषा नीति को लेकर जारी बहस के बीच माधव ने कहा कि लोगों को हर राज्य की स्थानीय भाषा का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। माधव ने कहा कि यदि हिंदी या अंग्रेजी का ‘‘संपर्क भाषा’’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, तो किसी को भी इसका विरोध नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक और वित्तीय शक्ति महाराष्ट्र को भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाना है, ऐसे में सभी को भावनात्मक मामलों में ‘‘संयम’’ बरतना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अगर आप महाराष्ट्र में रहते हैं, तो मराठी का सम्मान किया जाना चाहिए और इस भाषा को सीखने के प्रयास किए जाने चाहिए। किसी भी तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए।’’
इस बीच, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा ‘शासन के लिए नोबेल’ दिए जाने के दावे के बारे में पूछे जाने पर, माधव ने कहा कि ऐसी इच्छाओं पर संबंधित संस्थाओं को फैसला लेना हे।
भाजपा नेता ने पूछा, ‘‘अगर किसी ने खुद को भगवान घोषित करने का फैसला कर लिया है, तो हम कौन होते हैं इस पर टिप्पणी करने वाले?’’
बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा भाजपा और निर्वाचन आयोग पर किए गए कटाक्षों का जवाब देते हुए, माधव ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता को हर हार के लिए भाजपा और निर्वाचन आयोग को दोष देने से बचना चाहिए।
माधव ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जब कांग्रेस चुनाव जीतती है तो वह आयोग की भूमिका पर सवाल क्यों नहीं उठाती।
भाषा शफीक