बिहार : मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के खिलाफ राहुल के नेतृत्व में बंद, आम जनजीवन प्रभावित
धीरज माधव
- 09 Jul 2025, 08:50 PM
- Updated: 08:50 PM
(तस्वीरों के साथ)
पटना, नौ जुलाई (भाषा) बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में बुधवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ बुलाए गए बंद से आम जनजीवन प्रभावित रहा।
राज्य में ‘महागठबंधन’ के नाम से जाने जाने वाले विपक्षी गठबंधन ने उस दिन राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया था, जिस दिन वह नए श्रम संहिताओं के विरोध में मजदूर संघों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन दे रहा था।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पटना पहुंचे और उनके द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव एमए बेबी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी राजा और भाकपा (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य भी शामिल हुए।
विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया गठबंधन)के बड़े नेताओं ने एक विशाल जुलूस के रूप में यहां निर्वाचन आयोग कार्यालय तक पहुंचने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें कुछ मीटर दूर शहीद स्मारक के सामने रोक दिया गया। यह स्मारक भारत छोड़ो आंदोलन के सात युवा शहीदों की याद में बनाया गया था, जो विधानसभा परिसर के ठीक सामने है।
पुलिस अधीक्षक (पटना मध्य) दीक्षा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए अवरोधक लगाए गए थे। विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला गया।’’
विपक्षी नेताओं ने रोके जाने से अविचनित एक खुले वाहन में सवार होकर आगे बढ़ते हुए मांग की कि विपक्ष जिसे ‘वोटबंदी’ कह रहा है, उसे तत्काल वापस लिया जाए। विपक्षी नेताओं ने इसे ‘नोटबंदी’ तुल्य करार दिया।
गांधी ने संविधान की एक प्रति हाथ में लेकर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ‘‘लोगों की सेवा करने के बजाय भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)की सेवा कर’’ रही है। गांधी ने दावा किया कि ‘‘बिहार में महाराष्ट्र मॉडल को दोहराने’’ का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण, मतदाता सूची में हेराफेरी करने के ‘महाराष्ट्र मॉडल’ का विस्तार है और इससे ‘‘न केवल लोगों के वोट देने के अधिकार को बल्कि उनके पूरे भविष्य को हथिया लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को संविधान की रक्षा करनी चाहिए... वह भाजपा के निर्देशों पर काम कर रहा है। इन निर्वाचन आयुक्तों को भाजपा ने ही नामित किया है। मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चुनावी चोरी का एक प्रयास है। हम निर्वाचन आयोग को मतदाताओं, खासकर युवाओं के (मतदान के) अधिकार छीनने नहीं देंगे।’’
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का ‘गोदी आयोग’ बन गया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘गरीबों के नाम मतदाता सूची से हटवाने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा अंततः आरक्षण, राशन और पेंशन जैसे अन्य लाभ छीनने की कोशिश करेगी।’’
बिहार में सबसे मजबूत वामपंथी दल भाकपा (माले) लिबरेशन के नेकता भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘आज की विशाल सभा ने यह प्रदर्शित कर दिया है कि बिहार के लोग विशेष गहन पुनरीक्षण को स्वीकार नहीं करेंगे, जो उनके मताधिकार पर सीधा हमला है।’’
बेबी ने कहा कि ‘‘ निर्वाचन आयोग हिटलर की तरह व्यवहार कर रहा है।’’ डी राजा ने इस मौके पर दो नारे दिए - ‘‘सरकार बदलो, बिहार बचाओ’’ और ‘‘नीतीश सरकार हटाओ, तेजस्वी सरकार बनाओ।’’
खुले वाहन के पास हंगामे के दृश्य देखने को मिले, जिसके बाद यह अफवाह फैली कि कांग्रेस समर्थक निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को वाहन पर चढ़ते समय सुरक्षाकर्मियों ने ‘‘धक्का देकर किनारे कर दिया’’।
हालांकि, जब संवाददाताओं ने पप्पू यादव से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी वाहन पर चढ़ने की कोशिश नहीं की। मैं तो बस यह सुनिश्चित कर रहा था कि हमारे नेता राहुल गांधी धक्का-मुक्की कर रही भीड़ के बीच सुरक्षित रूप से वाहन पर चढ़ जाएं। इसी क्रम में मैं लड़खड़ा गया।’’
पप्पू यादव का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्णिया सीमांचल क्षेत्र में आता है, जो भाजपा के अनुसार ‘‘अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं’’ से भरा हुआ है। वह सुबह से ही पटना की सड़कों पर थे। उन्होंने समर्थकों के एक समूह के साथ सचिवालय हॉल्ट पर एक ट्रेन को रोकने की कोशिश की। राज्य के कई अन्य हिस्सों से भी रेलगाड़ियां रोकने के प्रयास की खबरें आईं। हालांकि, पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने कहा कि कहीं भी सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं।
सड़कों, राजमार्गों और पुलों पर भारी यातायात जाम देखा गया, जहाँ बंद समर्थकों ने जलते हुए टायर रखे थे। राज्य की राजधानी पटना में, अधिकांश निजी विद्यालयों ने छुट्टी घोषित की थी या ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का विकल्प चुना, लेकिन सरकारी संस्थान खुले रहे।
विपक्ष के इस शक्ति प्रदर्शन से भाजपा नाराज दिखी।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ सांसद संजय जायसवाल ने कहा, ‘‘यह बंद, जिसके लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के युवराजों ने हाथ मिलाया था, उच्चतम न्यायालय को धमकाने का एक प्रयास है, जो मनोज झा और महुआ मोइत्रा जैसे उनके अपने वरिष्ठ नेताओं द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है।’’
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘लगता है राहुल गांधी पिकनिक पर आए हैं। उन्होंने नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के शासनकाल में हुए विकास पर ध्यान दिया होगा।’’
भाषा धीरज