ओडिशा के भुवनेश्वर में 11 जुलाई को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे रैली
राखी राजकुमार
- 09 Jul 2025, 08:54 PM
- Updated: 08:54 PM
भुवनेश्वर, नौ जुलाई (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 11 जुलाई को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।
इसके बाद वे पार्टी के प्रदेश नेताओं के साथ बैठक कर संगठन की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में बताया कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल भी इस एक दिवसीय दौरे में मौजूद रहेंगे।
दास ने बताया कि तीनों नेता भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद सीधे बारामुंडा मैदान जाएंगे जहां दोपहर एक बजे 'संविधान बचाओ समावेश' नामक जनसभा होगी।
उन्होंने बताया कि रैली के बाद प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक होगी जिसमें केंद्रीय नेता भी हिस्सा लेंगे।
दास ने बताया कि इसके बाद केंद्रीय नेता प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों और विधायकों के साथ अलग से बैठक करेंगे।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद यह राहुल गांधी की ओडिशा की पहली यात्रा होगी।
दास ने कहा कि गांधी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भाजपा सरकार के शासन में जनता कई समस्याओं का सामना कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और बेरोजगारी से युवा वर्ग प्रभावित हो रहा है।
दास ने पुरी में इस वर्ष रथयात्रा आयोजन में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई, जो प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि पिछली बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार दोनों के कार्यकाल में पूंजीपतियों ने राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा कांग्रेस को महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई को तेज करने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा में महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। भाजपा सरकार के एक वर्ष पूरे होने के बाद भी महिला आयोग, एससी और एसटी आयोग क्रियाशील नहीं हैं।’’
जेना ने यह भी कहा कि राज्य के ओबीसी समुदाय को अब तक शिक्षा और नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण का संवैधानिक अधिकार नहीं मिल सका है।
भाषा राखी