‘बेटी बचाओ’ की जगह ‘अपराधी बचाओ’ की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई : खरगे
हक मनीषा
- 22 Jan 2025, 05:05 PM
- Updated: 05:05 PM
नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के 10 साल पूरे होने पर सरकार द्वारा जश्न मनाए जाने के बीच बुधवार को दावा किया कि इस योजना के बजट का 80 प्रतिशत पैसा विज्ञापनों पर खर्च किया गया।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए यह सवाल किया कि ‘‘बेटी बचाओ’’ की जगह "अपराधी बचाओ" की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई?
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बेटी बचाओ के 10 साल, मोदी जी से हमारे तीन सवाल। ‘‘बेटी बचाओ’’ की जगह "अपराधी बचाओ" की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई? मणिपुर की महिलाओं को न्याय कब मिलेगा? हाथरस की दलित बेटी हो या उन्नाव की बेटी, या फ़िर हमारी चैंपियन महिला पहलवान, भाजपा ने हमेशा अपराधियों को संरक्षण क्यों दिया?’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्यों देश में हर घंटे महिलाओं के ख़िलाफ़ 43 अपराध रिकॉर्ड होते हैं? हर दिन 22 अपराध ऐसे हैं जो हमारे देश के सबसे कमज़ोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं व बच्चों के ख़िलाफ़ दर्ज होते हैं। मोदी जी लाल क़िले से भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा पर बोल चुके हैं, पर कथनी और करनी में फ़र्क क्यों? क्या कारण है कि 2019 तक "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना के लिए आवंटित कुल धनराशि का क़रीब 80 प्रतिशत केवल मीडिया-विज्ञापन में ख़र्च हुआ?’’
खरगे ने दावा किया, ‘‘जब संसद की स्थायी समिति ने यह तथ्य उजागर किया, तब इस योजना में इस्तेमाल किये गए कोष में 2018-19 से 2022-23 के बीच 63 प्रतिशत की भारी कटौती की गई और बाद में इसको "मिशन शक्ति" के अंतर्गत "संबल" नामक योजना में समाहित करके, "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना पर खर्च किये आंकड़े ही मोदी सरकार ने देने बंद कर दिए।’’
उनका कहना है कि ‘‘संबल’’ के 2023-24 के लिए आवंटित धन और उपयोग किये गए धन में भी 30 प्रतिशत की कटौती हुई है।
खरगे ने सवाल किया कि क्या आंकड़ों की हेराफ़ेरी कुछ छिपाने के लिए की गई?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर ख़र्च हुआ बजट, पूरे बजट के खर्च की तुलना में आधा क्यों कर दिया? क्या हर ट्रक के पीछे "बेटी बचाओ" चिपकाने या फ़िर हर दीवार पर यह पेंट करवा देने से महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, या महिलाओं को अत्याचार के बाद न्याय मिलेगा? क्या उनके लिए रोज़गार के अवसर, उनको अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी ?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का ‘‘बहुत हुआ नारी पर वार’’ वाला खोखला विज्ञापन, 10 साल बाद उसका घोर दोहरा रवैया दर्शाता है।
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