आर जी कर मामला: न्यायालय ने स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई 29 जनवरी तक टाली
देवेंद्र नरेश
- 22 Jan 2025, 07:11 PM
- Updated: 07:11 PM
नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता के सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या की घटना के सिलसिले में स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किये गये मामले की सुनवाई बुधवार को समय की कमी का हवाला देते हुए 29 जनवरी तक स्थगित कर दी।
इस मामले में शनिवार को दोषी करार दिये गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को मृत्यु होने तक कारावास की सजा सुनाई थी।
पिछले साल नौ अगस्त को चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद पहली बार उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की जानी थी।
इस जघन्य अपराध से देश में आक्रोश फैल गया था तथा पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक प्रदर्शन हुए थे।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने बुधवार को कहा कि समय की कमी है और इसके अलावा मामले में तीन नए आवेदन दायर किए गए हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम अगले बुधवार को अपराह्न दो बजे इस पर विचार करेंगे।’’
कनिष्ठ एवं वरिष्ठ डॉक्टरों के संघ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी ने सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया।
पिछले साल 10 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की वस्तु स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया था और विश्वास जताया था कि मामले की सुनवाई एक महीने के भीतर पूरी हो जाएगी।
सीबीआई ने सियालदह स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सोमवार से बृहस्पतिवार तक प्रतिदिन चलने वाली सुनवाई के बारे में जानकारी दी थी।
पीठ ने पक्षकारों को लैंगिकता आधारित हिंसा को रोकने और देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाये जाने पर अपनी सिफारिशें और सुझाव अदालत द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया था।
पीठ ने एनटीएफ को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था और कहा था, ‘‘सभी सिफारिशें और सुझाव राष्ट्रीय कार्यबल को भेजे जाएं और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एनटीएफ की अंतिम रिपोर्ट पर जवाब दाखिल किया जाए।’’
स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव पिछले साल नौ अगस्त को अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष में मिला था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने अगले दिन अपराध के सिलसिले में रॉय को गिरफ्तार कर लिया था।
मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीठ ने अपराध के मद्देनजर चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने के वास्ते 20 अगस्त को एनटीएफ का गठन किया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने 19 अगस्त, 2024 को मामले की निगरानी अपने हाथ में ले ली।
पिछले वर्ष अक्टूबर में सीबीआई ने रॉय के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था।
भाषा
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