राजस्थान : कांग्रेस विधायकों का विधानसभा सदन में धरना जारी
पृथ्वी नेत्रपाल संतोष
- 23 Feb 2025, 12:24 PM
- Updated: 12:24 PM
जयपुर, 23 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के एक मंत्री द्वारा विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में ‘अनुचित शब्द’ का इस्तेमाल किए जाने को लेकर विपक्षी कांग्रेस व सरकार के बीच गतिरोध जारी है। कांग्रेस के विधायकों ने सदन में अपना धरना रविवार को भी जारी रखा।
कांग्रेस विधायक शुक्रवार शाम सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद से ही धरने पर बैठे हैं। उन्होंने शुक्रवार व शनिवार की रात सदन में ही गुजारी।
कांग्रेस की मांग है कि ‘अनुचित टिप्पणी’ को कार्यवाही से हटाया जाए और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित छह विधायकों का निलंबन वापस लिया जाए।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने रविवार को कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार खुद गतिरोध खत्म नहीं करना चाहती और मंत्रियों ने औपचारिकता पूरी करने के लिए विधानसभा में आंदोलनकारी कांग्रेस विधायकों से बातचीत की है।
राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने शनिवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों से मुलाकात की, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। शुक्रवार रात को भी मंत्रियों ने जूली और अन्य वरिष्ठ विधायकों से वार्ता की थी।
उल्लेखनीय है कि मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’
कांग्रेस के विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई। हंगामे और कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। उसी दिन शाम सदन में ‘‘अशोभनीय एवं निंदनीय आचरण’’ करने के लिए विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग द्वारा रखे गए इस आशय के प्रस्ताव के पारित होने की घोषणा की। इसके बाद सदन की कार्यवाही 24 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई और कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस पार्टी द्वारा इस मुद्दे को लेकर शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों पर भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।
जूली ने रविवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि सरकार नहीं चाहती कि गतिरोध टूटे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले दिन ही कहा था कि हम इस मुद्दे को खत्म करने के लिए तैयार हैं। हमारी मांग की है कि मंत्री द्वारा व्यंग्यात्मक लहजे में की गई टिप्पणी को हटाया जाए और हमारे छह विधायकों का निलंबन वापस लिया जाए। लेकिन पूरी भाजपा मंत्री को यह कहकर बचाने में लगी है कि उन्होंने जो कहा वह सही है।’’
उन्होंने कहा,‘‘संसदीय लोकतंत्र में यह ठीक नहीं है। यहां लड़ाई वैचारिक है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी हठ और अहंकार से भरी हुई है और गतिरोध को खत्म करने का केवल दिखावा कर रही है। सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती, क्योंकि अगर सदन चलेगा तो राज्य के बजट पर चर्चा होगी। चूंकि बजट में कुछ नहीं था, इसलिए सत्ताधारी पार्टी को डर है कि विपक्षी विधायक बजट की पोल खोल देंगे। इसी डर से सरकार जानबूझकर गतिरोध बनाए रखना चाहती है।’’
इस बीच, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कल रात कांग्रेस विधायकों से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों को धरना खत्म कर देना चाहिए।
भाषा पृथ्वी नेत्रपाल