वायनाड भूस्खलन पीड़ितों ने प्रशासन से बातचीत के बाद आंदोलन रोका
राखी पारुल
- 23 Feb 2025, 06:48 PM
- Updated: 06:48 PM
वायनाड, 23 फरवरी (भाषा) केरल के पर्वतीय जिले वायनाड में जुलाई 2024 में हुई भूस्खलन की घटनाओं के पीड़ितों की पुनर्वास प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग को लेकर शुरू किया गया आंदोलन रविवार को अस्थायी रूप से रोक दिया। यह निर्णय प्रशासन के साथ बातचीत के बाद लिया गया।
वायनाड जिले के चूरलमाला क्षेत्र में रविवार को जुलूस निकाल रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा रोके जाने पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुनर्वास प्रक्रिया में देरी हो रही है।
आंदोलन समिति के नेता ने कहा, "हमने पुलिस के साथ बातचीत के बाद प्रदर्शन अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। हालांकि, हम जिला अधिकारी से मिलकर 17 परिवारों को पुनर्वास लाभार्थी सूची से बाहर किए जाने का मुद्दा उठाएंगे। अगर इस पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे।"
प्रदर्शनकारियों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में अस्थायी झोपड़ियां बनाने के बाद सुबह नौ बजे प्रदर्शन शुरू किया। टीवी चैनलों पर प्रसारित दृश्यों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने चूरलमाला के बेली ब्रिज तक जुलूस निकाला, जिसे पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया और इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई।
यह प्रदर्शन ‘जन शब्दम एक्शन कमेटी’ के नेतृत्व में किया गया। जनकिया एक्शन समिति ने सोमवार को वायनाड के जिला कलेक्टरेट परिसर के सामने भूख हड़ताल करने की घोषणा की है।
प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से शीघ्र पुनर्वास और उन्हें प्रदान की गई 2,178 वर्ग फुट भूमि के अतिरिक्त एक व्यापक राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, एलडीएफ वायनाड जिला समिति ने केंद्र सरकार से पुनर्वास के लिए धन जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को नयी दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
केरल के राजस्व मंत्री के राजन ने आश्वासन दिया कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है और सभी बेघर लोगों को नया मकान मिलेगा।
उन्होंने कहा, "हम पुनर्वास को सिर्फ 2,178 वर्ग फुट भूमि तक सीमित नहीं कर रहे हैं, बल्कि और अधिक भूमि देने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं। यदि अतिरिक्त भूमि दी जा सकती है, तो सरकार इसकी व्यवस्था करेगी।"
कांग्रेस नेता और कल्पेट्टा के विधायक टी सिद्दीकी ने पुनर्वास में देरी को लेकर जिला कलेक्टरेट के सामने भूख हड़ताल करने की घोषणा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि आपदा के सात महीने बाद भी पीड़ितों को राहत नहीं मिल पाई है, जो अस्वीकार्य है।
भाषा
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