महाकुंभ: रेल मंत्री ने नयी दिल्ली स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण उपायों का परीक्षण शुरू किया
प्रशांत अविनाश
- 23 Feb 2025, 10:52 PM
- Updated: 10:52 PM
नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) रेलवे ने शनिवार को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण उपायों का परीक्षण किया, जिसमें अनारक्षित टिकट वाले यात्रियों की आवाजाही को एक ही प्लेटफार्म तक सीमित कर दिया गया तथा मांग के अनुसार सभी महाकुंभ विशेष रेलगाड़ियों को वहीं से चलाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय ने परीक्षण के लिए शनिवार का दिन इसलिए चुना क्योंकि पिछले सप्ताह इसी दिन रात 8 से 9 बजे के बीच भगदड़ मच गई थी, जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे।
भगदड़ के तुरंत बाद, स्टेशन परिसर में एक अस्थायी यात्री क्षेत्र का निर्माण किया गया और यह निर्णय लिया गया कि प्रयागराज के लिए सभी विशेष ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना होंगी।
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह पूरी कवायद सुझावों पर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की निरंतर निगरानी में की गई, जिन्हें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने सहायता प्रदान की। सभी अधिकारी नयी दिल्ली स्थित रेल भवन के ‘वॉर रूम’ से परीक्षण पर कड़ी नजर रखे हुए थे।
वैष्णव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह प्रयोग सफल रहा क्योंकि इससे अन्य प्लेटफार्मों पर भीड़भाड़ नहीं हुई और श्रद्धालुओं का ट्रेनों तक पहुंचना और उनकी आगे की यात्रा सुनिश्चित हुई।
मंत्री ने रविवार शाम को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा भी किया और वहां की व्यवस्थाओं और यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। भगदड़ के बाद यह उनका पहला दौरा था।
वैष्णव ने कहा, “एक ओर, प्रयागराज के अलावा अन्य गंतव्यों की यात्रा करने वाले यात्रियों को उनके प्लेटफार्मों पर चढ़ने और उतरने का आरामदायक अनुभव मिला, वहीं दूसरी ओर, श्रद्धालुओं को भी अपने निर्धारित प्लेटफार्म संख्या 16 से कुंभ मेले तक परेशानी मुक्त, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अवसर मिला।”
मंत्री ने कहा, “उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए नयी दिल्ली स्टेशन पर मौजूद थे और रेलवे बोर्ड भी उनके संपर्क में था। अब, यह अनुभव हमें भविष्य में ऐसे सभी अवसरों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने की बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा।”
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “शनिवार को अपराह्न 2.30 बजे से रात 11.30 बजे के बीच हमने हर आधे घंटे में अनारक्षित टिकटों की बिक्री पर नजर रखी। हमने पाया कि अपराह्न 2.30 बजे से 3 बजे के बीच 969 टिकटें बिकीं।”
उन्होंने कहा, “अगले 30 मिनट में यह संख्या गिरकर 466 हो गई और शाम सात बजे तक 400 से 1,100 के बीच घटती-बढ़ती रही। हालांकि, इसके बाद इसमें बढ़ोतरी होने लगी और शाम 7 से 7.30 बजे के बीच 1,445 टिकटें बिक गईं। रात 8.30 से 9 बजे के बीच अधिकतम 1,822 टिकटें बिकीं।”
उन्होंने कहा, “जब हम अनारक्षित टिकटों की बिक्री पर नजर रखते थे, तो हम ट्रेनों का समय भी निर्धारित करते थे, जब अनारक्षित यात्रियों की संख्या 2,500 के आसपास पहुंच जाती थी। उन्हें होल्डिंग एरिया में इंतजार करने को कहा गया और प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर केवल एक गेट से प्रवेश करने की अनुमति दी गई। उन्हें किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।”
अधिकारियों के अनुसार, रेलवे ने सप्ताहांत में भीड़ बढ़ने को देखते हुए अपराह्न 2.30 बजे से रात 11.30 बजे के बीच नयी दिल्ली स्टेशन से प्रयागराज के लिए पांच अनारक्षित (विशेष) ट्रेनें चलाईं।
भाषा प्रशांत