महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालुओं का पहुंचना सदी की एक दुर्लभतम घटना: मुख्यमंत्री योगी
आनन्द नेत्रपाल संतोष
- 23 Feb 2025, 12:47 PM
- Updated: 12:47 PM
आगरा (उप्र), 23 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रयागराज के महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं और एक निश्चित कालखंड के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकत्र होना अपने आप में सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक है।
आगरा में ‘यूनिकॉर्न कंपनीज कॉन्क्लेव’ (यूनिकॉर्न कंपनियों का सम्मेलन) में मुख्यमंत्री योगी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘मैं इसे स्टार्टअप की दुनिया का यूनिकॉर्न महाकुंभ कह सकता हूं। इस समय महाकुंभ के प्रति आकर्षण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है। आज जब मैं ब्रज भूमि में आया हूं जिसके पीछे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि रही है। लंबे काल खंड से इसने भारत की सभ्यता और संस्कृति को प्रभावित किया है। योगी ने कहा कि कल ही प्रयागराज से आया और आज इस ‘कॉन्क्लेव’ के बाद मुझे पुन: प्रयागराज पहुंचना है।’’
मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ में इस बार आने वाले श्रद्धालुओं की चर्चा करते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं।
योगी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दुनिया के अंदर किसी भी आयोजन (चाहे वह आध्यात्म से जुड़ा हो या किसी भी तरह के पर्यटन से संबंधित हो) में एक निश्चित कालखंड के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकत्र होना और उस आयोजन के साथ एकजुट होना, अपने आप में सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक है।’’
इस पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि उप्र में उनकी सरकार को इसे आयोजित करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री और प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब कुंभ की बात करते हैं तो कुंभ का इतिहास हमें इस बात पर सोचने के लिए मजबूर करता है कि भारत में प्राचीन काल से इस तरह के आयोजन की व्यवस्था थी।
इसमें उप्र के प्रयागराज, उत्तराखंड के हरिद्वार, मध्यप्रदेश के उज्जैन और महाराष्ट्र के नासिक (त्र्यंबकेश्वर) समेत चार पवित्र स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है।
इसकी पृष्ठभूमि में जाते हुए योगी ने कहा कि यह सोचा गया होगा कि जब एक समय ऐसा भी आएगा कि भारत का व्यक्ति अपनी परंपरा और अपनी संस्कृति से कटा हुआ महसूस करेगा तो उन्हें जोड़ने का कुंभ माध्यम बनेगा।
भाषा आनन्द नेत्रपाल