बिहार सरकार घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं के वास्ते करेगी 140 सुरक्षा अधिकारी नियुक्त
राजकुमार नेत्रपाल
- 23 Feb 2025, 04:51 PM
- Updated: 04:51 PM
(प्रमोद कुमार)
पटना, 23 फरवरी (भाषा) बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अधिक प्रभावी ढंग से सहायता प्रदान करने के लिए राज्य भर में 140 पूर्णकालिक ‘सुरक्षा अधिकारी’ नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
समाज कल्याण विभाग ने एक अलग संवर्ग बनाने का निर्णय किया है जिसके तहत उपमंडल, जिला और राज्य स्तर पर सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
राज्य में घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
समाज कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव और बिहार महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बमराह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘घरेलू हिंसा के मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभाग ने पूर्णकालिक सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। इसके लिए एक अलग संवर्ग बनाया जाएगा... राज्य भर में 140 से अधिक सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इनमें से 101 उपमंडल स्तर पर और 38 जिला स्तर पर नियुक्त किए जाएंगे। एक राज्यस्तरीय सुरक्षा अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।’’
बमराह ने बताया कि यह निर्णय महिला घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अनुसार लिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम का उद्देश्य परिवार में होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं को संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों की अधिक प्रभावी सुरक्षा प्रदान करना है तथा इससे संबंधित या प्रासंगिक मामलों में भी सुरक्षा प्रदान करना है।’’
बमराह ने कहा कि इस कानून के अनुसार, सुरक्षा अधिकारी मजिस्ट्रेट को उनके कार्यों के निर्वहन में सहायता करेगा तथा यदि पीड़ित महिला को शारीरिक चोटें आई हों तो उसकी चिकित्सकीय जांच करवाने तथा चिकित्सकीय रिपोर्ट की एक प्रति थाने तथा उस क्षेत्र के संबंधित मजिस्ट्रेट को भेजने के लिए भी जिम्मेदार होगा, जहां घरेलू हिंसा होने का आरोप है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेगा कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 20 के तहत आर्थिक राहत के आदेश का अनुपालन और निष्पादन मौजूदा कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार हो।
बमराह ने बताया कि राज्य सरकार ने घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए दहेज निषेध अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 कानून बनाने जैसे कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाएं भी घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करती हैं।
बमराह ने कहा, ‘‘बिहार सरकार ने निजी और सार्वजनिक स्थानों--परिवार, समुदाय और कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग प्रदान करने के लिए कुछ जिलों में 11 अतिरिक्त ‘वन स्टॉप सेंटर’ (ओएससी) खोलने की प्रक्रिया भी शुरू की है। राज्य में 11 अतिरिक्त ओएससी के संचालन और स्थापना के लिए एक अनुमोदन पत्र हाल ही में डब्ल्यूसीडीसी को केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय (संबल प्रभाग) से प्राप्त हुआ है।’’
‘ओएससी’ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) द्वारा 2015 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान करना है।
भाषा राजकुमार