महाकुंभ: प्रयागराज हवाई अड्डा यातायात में अचानक बढ़ोतरी से जूझ रहा,यात्रियों का रिकॉर्ड बनाया
संतोष नरेश
- 24 Feb 2025, 06:15 PM
- Updated: 06:15 PM
(सौगत मुखोपाध्याय)
प्रयागराज, 24 फरवरी (भाषा) प्रयागराज एक छोटा हवाई अड्डा है जिसका उपयोग मामूली हवाई यातायात और सीमित संख्या में यात्रियों को संभालने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन फिलहाल यहां से अमीर और मशहूर लोगों के लिए प्रतिदिन औसतन लगभग 40 ऐसे विशेष और निजी विमानों का संचालन किया जा रहा है जिनकी उड़ान पहले से निर्धारित नहीं होती हैं और सप्ताहांत के दिनों में ऐसे विमानों की संख्या 70 तक पहुंच जाती है। महाकुंभ के लिए उमड़ रही लोगों की भीड़ को इसका श्रेय देना होगा।
इस महाकुंभ को सदी का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बताया जा रहा है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये आंकड़े पहले से निर्धारित औसतन 148 वाणिज्यिक यात्री विमानों से परे हैं, जो कुंभ के नहीं होने की अवधि के दौरान की संख्या के सात गुना से भी अधिक हैं। ये विमान हर दिन हवाई पट्टी से उड़ान भरने के साथ ही इस हवाई अड्डे के माध्यम से यात्रियों की आवाजाही का रिकॉर्ड बना रहे हैं। यह रिकॉर्ड महाकुंभ की शुरुआत के बाद से बार-बार टूटता रहा है।
अधिकारी ने कहा कि इस तरह का नवीनतम रिकॉर्ड 21 फरवरी को दर्ज किया गया था जब एक ही दिन में 236 उड़ानों से 24,512 यात्री हवाई अड्डे पर पहुंचे और वहां से रवाना हुए।
उन्होंने कहा कि सामान्य समय के दौरान, हवाई अड्डे से करीब 20 पूर्व निर्धारित उड़ानें आती-जाती हैं, जिनमें एक हजार से भी कम यात्री होते हैं।
प्रयागराज हवाई अड्डे के निदेशक मुकेश चंद्र उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के बाद से पूर्व निर्धारित और गैर पूर्व निर्धारित, दोनों तरह के हवाई यातायात में अचानक वृद्धि देखी। ग्राफ लंबवत हो गया और भीड़ हमारी उम्मीदों से परे थी। उस समय से हवाई अड्डे का संचालन निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा, हमने राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों, व्यापार जगत के दिग्गजों, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों, नौकरशाहों और विभिन्न क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों की मेजबानी की है। उनमें से अधिकांश लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए विशेष उड़ानों और निजी विमानों का लाभ उठाते हैं।’’
उपाध्याय ने कहा कि हाल ही में राजस्थान से करीब 180 राजनेताओं का दल हवाई अड्डे पर पहुंचा, जिन्होंने कुंभ में स्नान के लिए विशेष विमान का उपयोग किया।
हवाई अड्डे के निदेशक ने कहा कि महाकुंभ के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों में अंबानी बंधु मुकेश और अनिल, अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी, हीरो मोटोकॉर्प के अध्यक्ष पवन मुंजाल, वेदांत समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल और हिंदुजा समूह और टीवीएस समूह के कारोबारी शामिल हैं, और ये सभी परिवार के साथ पहुंचे थे।
भारतीय वायु सेना और एएआई द्वारा संयुक्त रूप से संचालित प्रयागराज हवाई अड्डे का निर्माण 1931 में पूरा हुआ था और इसे 2019 से पहले एक नए सिविल टर्मिनल के साथ अद्यतन किया गया था। वर्तमान में यह हवाई अड्डा ‘सीएटी 2 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम’ के साथ रात में उतरने की सुविधा मुहैया कराने का दावा करता है।
उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम अब रात भर काम कर रहे हैं और सूर्यास्त के बाद लगभग सात से आठ विमानों के उतरने और उनके उड़ान भरने की व्यवस्था को संभाल रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि कुंभ 2019 के दौरान हवाई अड्डे पर एक लाख से भी कम यात्रियों की आवाजाही रही थी, लेकिन इस बार के महाकुंभ के दौरान हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों की संख्या पहले ही तीन लाख को पार कर चुकी है और महा शिवरात्रि के पवित्र स्नान के बाद 26 फरवरी को आधिकारिक रूप से समागम समाप्त होने तक इसमें उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
निष्क्रिय विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में मील का पत्थर स्थापित करते हुए हवाई अड्डे ने हाल ही में कुंभ यात्रा पर निकलीं अमेरिकी अरबपति और एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स और उनके सहयोगियों को भूटान से लेकर आने वाली एक अंतरराष्ट्रीय विशेष उड़ान को इस साल जनवरी में यहां उतारा।
उत्तर प्रदेश राज्य के अधिकारियों के अनुसार, 93 वर्षों में हवाई अड्डे से संचालित होने वाली यह पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी, क्योंकि आखिरी उड़ान 1932 में इलाहाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी।
हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा कि पॉवेल के विमान के बाद से, प्रयागराज ने महाकुंभ के मद्देनजर चार अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मेजबानी की है जिनमें से नवीनतम उड़ान के सोमवार को आने की उम्मीद जताई गई थी।
उपाध्याय ने कहा, ‘‘ हवाई अड्डों पर पर्यटकों की निरंतर आवाजाही आमतौर पर औद्योगिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और पर्यटन के माहौल पर निर्भर करती है। वाराणसी से केवल 120 किलोमीटर और अयोध्या से 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रयागराज में राज्य के आध्यात्मिक त्रिकोण का एक महत्वपूर्ण बिंदु बनने की क्षमता है। हम पर्यटकों के आसान आगमन और प्रस्थान के लिए इस त्रिकोण को बढ़ावा देने और संचालित करने की सरकार की योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं।’’
भाषा संतोष