गोयल ने भारत, ब्रिटेन के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उदार वीजा व्यवस्था की वकालत की
अनुराग रमण
- 24 Feb 2025, 07:54 PM
- Updated: 07:54 PM
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कारोबारियों और पेशेवरों के लिए अधिक उदार वीजा व्यवस्था की वकालत की।
उन्होंने कहा कि भारत ने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता में आव्रजन पर ‘कभी भी’ चर्चा नहीं की है।
यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और ब्रिटेन के व्यापार मंत्रियों ने प्रस्तावित एफटीए के लिए वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की है।
यह घोषणा गोयल और ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने की, जो आधिकारिक यात्रा पर यहां आए हैं।
एफटीए के तहत भारत कुशल पेशेवरों की सुगम आवाजाही के लिए आसान वीजा मानदंडों की मांग कर रहा है।
उन्होंने कहा कि समझौते के तहत दोनों देश ‘बड़े पैमाने पर’ सेवाएं खोल रहे हैं और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए अर्थव्यवस्थाओं को भी खोल रहे हैं।
गोयल ने रेनॉल्ड्स की मौजूदगी में कहा, “हमने एफटीए के एक भाग के रूप में एक दूसरे के सेवा क्षेत्र को खोला है, तथा प्रत्येक देश की संवेदनशीलताओं की रक्षा की है, ताकि नए अवसर खुल सकें और जाहिर है कि इन सबके लिए व्यापारिक वीजा की आवश्यकता होगी तथा उन्हें निवेशों से, सेवाओं से जोड़ा जाएगा, जिन्हें खोला जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए मुझे इसमें कोई कठिनाई नहीं दिखती। और मुझे लगता है कि दोनों देशों के बीच पहले से ही काफी खुलापन है। और अगर हम दोनों अपने व्यापार और निवेश का विस्तार करना चाहते हैं, तो जाहिर है कि हमें वीज़ा जारी करने में तेजी और अधिक उदार होना होगा।”
गोयल ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भारतीय छात्र शिक्षा के लिए यात्रा करते हैं।
उन्होंने कहा, “इनमें से लगभग सभी देशों में शिक्षा, व्यवसाय को प्रोत्साहित करने और अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए देश ‘छात्रों को अपने देश में काम करने के लिए व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए एक निश्चित अवधि देते हैं, लेकिन यह अल्पकालिक व्यावसायिक कार्य वीजा होता है। इसका आव्रजन से कोई लेना-देना नहीं है।”
मंत्री ने कहा कि आव्रजन कभी भी किसी व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं रहा है।
गोयल ने कहा, “भारत ने कभी भी किसी भी मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता में आव्रजन पर चर्चा नहीं की है।”
रेनॉल्ड्स ने कहा कि व्यापार गतिशीलता आव्रजन से अलग मुद्दा है।
भारत द्वारा आसान व्यापार और पेशेवर वीजा की मांग समझौते में एक अड़चन रही है।
भाषा अनुराग