मतभेदों के बीच भाजपा नेता और मंत्री गणेश नाईक ने शिंदे के गढ़ ठाणे में लगाया ‘जनता दरबार’
वैभव माधव
- 24 Feb 2025, 08:19 PM
- Updated: 08:19 PM
ठाणे, 24 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं वन मंत्री गणेश नाईक ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह क्षेत्र ठाणे में जनता दरबार लगाया।
उन्होंने कहा कि राजनीति में किसी का भी स्थायी प्रभुत्व नहीं होता और नेतृत्व समय के साथ जनता की स्वीकृति के आधार पर बदलता रहता है।
नाईक ने कहा कि ठाणे में अगला जनता दरबार मार्च में लगाया जाएगा।
पिछले कुछ हफ्तों से भाजपा और शिवसेना के बीच संबंध असहज होने की अटकलें हैं। इन अटकलों को शुक्रवार को ‘‘मुझे हल्के में न लें’’ वाली एकनाथ शिंदे की टिप्पणी से और बल मिला।
ठाणे के भाजपा नेता संजय वाघुले ने संवाददाताओं को बताया कि सुबह आठ बजे जनता दरबार स्थल पर लोगों को 400 से अधिक टोकन वितरित किए गए।
पास के नवी मुंबई से विधायक नाईक ने संवाददाताओं से बातचीत में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की अटकलों को खारिज किया।
उन्होंने कहा कि जनता दरबार आयोजित करने का उद्देश्य लोगों को लंबी दूरी तय किए बिना उनकी समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराना है।
नाईक ने कहा, ‘‘महायुति सरकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार के नेतृत्व में प्रगतिशील गठबंधन के लिए प्रतिबद्ध है।’’
उन्होंने कहा कि सहयोगियों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा या किसी एक व्यक्ति का दबदबा होने जैसी कोई राजनीति नहीं है।
नाईक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ठाणे में भी मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जो मायने रखता है, वह व्यक्ति की सार्वजनिक छवि एवं लोगों में उसकी स्वीकार्यता है।’’
इस कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और भाजपा विधायक संजय केलकर तथा विधान परिषद सदस्य निरंजन डावखरे भी शामिल हुए।
पालघर जिले के संरक्षक मंत्री नाईक ने अपने मंत्रिपरिषद सहयोगी और शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक की पालघर में जनता दरबार आयोजित करने की घोषणा का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि वह लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए दोनों जिलों में प्रत्येक तालुका का दौरा करेंगे।
उनके पुत्र एवं पूर्व सांसद संजीव नाईक ने कहा कि जनता दरबार की पहल मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देश पर की गई, जो लोगों के मंत्रालय आने के बजाय उनके दरवाजे पर ही उनकी समस्याओं का समाधान करने के इच्छुक हैं।
गणेश नाईक ने 1990 के दशक में महाराष्ट्र में ‘जनता दरबार’ की अवधारणा शुरू की थी। वह 15 वर्ष तक ठाणे के संरक्षक मंत्री रहे।
सोमवार के कार्यक्रम में नागरिकों से 650 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें वन भूमि को नुकसान पहुंचाने से लेकर अवैध निर्माण और न्यायालय के आदेश पर कॉलोनियों को ध्वस्त करने जैसे विषय शामिल थे।
पाटीपाड़ा में ‘वन बचाओ’ समूह ने प्रस्तावित पक्षी अभयारण्य आइवरी पार्क के विकास के लिए 15 एकड़ प्राकृतिक वन लेने के ठाणे नगर निगम के प्रस्ताव का विरोध किया।
कल्याण-डोंबिवली और दिवा में अवैध घोषित की गई कॉलोनियों के निवासियों और न्यायालय के आदेश पर ध्वस्तीकरण का सामना कर रहे निवासियों ने सरकार से समाधान के लिए अपील की और दावा किया कि उनमें से कई ने इन पहलुओं की जानकारी के बिना घर खरीदे थे।
नाईक ने उन्हें आश्वासन दिया कि अगली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
गणेश नाईक ने 1990 के दशक में महाराष्ट्र में ‘जनता दरबार’ (सार्वजनिक सुनवाई) की अवधारणा शुरू की थी, जिसमें लोगों को शिकायतों के समाधान के लिए प्रशासन से जोड़ा जाता था।
वह 15 वर्ष तक ठाणे के संरक्षक मंत्री रहे।
गत तीन फरवरी को, नाईक ने नवी मुंबई के वाशी और 21 फरवरी को पालघर जिले में ‘जनता दरबार’ को संबोधित किया।
भाषा
वैभव