छत्तीसगढ़ : जेलों में बंद 18,500 कैदियों ने प्रयागराज से लाए गए जल से किया पवित्र स्नान
सं संजीव मनीषा रंजन
- 25 Feb 2025, 01:14 PM
- Updated: 01:14 PM
रायपुर, 25 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ की 33 जेलों में बंद लगभग 18,500 कैदियों ने प्रयागराज से लाए गए त्रिवेणी संगम के पवित्र जल से मंगलवार को स्नान किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य की पांच केंद्रीय जेलों, 20 जिला जेलों और आठ उप जेलों समेत सभी 33 जेलों में स्थापित 'कुंड' (टैंक) में आज सुबह 'पुण्य स्नान' शुरू हुआ।
उप महानिरीक्षक (जेल) एसएस तिग्गा ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया कि राज्य की सभी 33 जेलों में बंद करीब 18,500 कैदी आज सुबह से गंगा नदी के पवित्र जल से महाकुंभ का पवित्र स्नान कर रहे हैं।
तिग्गा ने बताया कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा गंगा नदी का पवित्र जल लेकर आए थे, जिसे आज के कार्यक्रम के लिए सभी जेलों में वितरित किया गया। शर्मा के पास गृह विभाग भी है।
उन्होंने बताया कि स्नान से कैदियों में काफी उत्साह था और वे ‘हर-हर गंगे’ के नारे लगा रहे थे। वे राज्य सरकार द्वारा उनके लिए की गई व्यवस्था से खुश हैं।
उन्होंने बताया कि पवित्र स्नान करने के बाद कैदियों ने अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
रायपुर केंद्रीय जेल में बंद कैदियों में से एक घासीराम यादव ने कहा, “हम भाग्यशाली हैं कि हमें मां गंगा नदी के जल से पवित्र स्नान करने का अवसर मिला। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें अपने जीवन में ऐसा अवसर मिलेगा जो सरकार और जेल प्रशासन की पहल से संभव हो पाया है।”
यादव ने कहा कि मैं अधिकारियों, प्रशासन और सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।
अधिकारियों ने बताया कि स्नान के लिए जेलों की टंकियों में त्रिवेणी संगम के पवित्र जल को नियमित जल के साथ मिलाया गया था।
दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और कबीरधाम जिलों की जेलों से प्राप्त तस्वीरों में दिख रहा है कि स्नान कुंड को फूलों, मालाओं और पंखुड़ियों से सजाया गया था और स्नान से पहले अनुष्ठान और प्रार्थना की गई। तस्वीरों में उत्साहित कैदी भी कुंड के चारों ओर इकट्ठा होकर स्नान करने की अपनी बारी का इंतजार करते दिख रहे हैं।
धमतरी जिला जेल के एक अधिकारी ने बताया कि सभी 239 कैदियों ने एक-एक करके पवित्र स्नान किया।
उन्होंने बताया, "इस आयोजन का उद्देश्य कैदियों को आध्यात्मिक शुद्धि का अनुभव कराना और उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाना है। भारतीय संस्कृति में गंगाजल को पवित्र और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।"
अधिकारी ने कहा कि जेल प्रशासन का मानना है कि गंगाजल से स्नान करने से कैदियों को मानसिक शांति मिलेगी और वे आध्यात्मिक रूप से मजबूत होंगे तथा उन्हें आत्म-परिवर्तन, सकारात्मक सोच और समाज की मुख्यधारा से जुड़कर बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी।
भाषा सं संजीव मनीषा