राजनाथ सिंह ने आईसीजी को दुनिया के सबसे सक्षम समुद्री बलों में से एक बताया
वैभव मनीषा
- 25 Feb 2025, 05:32 PM
- Updated: 05:32 PM
नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) अजेय, विश्वसनीय और दुनिया के सबसे सक्षम समुद्री बलों में से एक है।
सिंह ने आईसीजे के अलंकरण समारोह में नवीनतम तकनीकी प्रगति के कारण गैरपरंपरागत खतरों के उभरने पर प्रकाश डालते हुए समुद्री बलों, विशेष रूप से आईसीजी से पारंपरिक खतरों के अलावा साइबर हमलों, डेटा उल्लंघन, रडार व्यवधान और जीपीएस स्पूफिंग जैसी चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने का आह्वान किया।
आईसीजी के परिचालन की प्रशंसा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि उसने पिछले एक साल में 14 नावों और 115 समुद्री लुटेरों को पकड़ा, साथ ही लगभग 37,000 करोड़ रुपये कीमत के मादक पदार्थ जब्त किए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आईसीजी ने विभिन्न बचाव कार्यों के माध्यम से 169 लोगों की जान बचाई और गंभीर रूप से घायल 29 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की।
उन्होंने कहा, ‘‘भौगोलिक दृष्टि से भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है और इसकी तटरेखा बहुत बड़ी है। देश की सामरिक सुरक्षा दो तरह के खतरों का सामना करती है। पहला युद्ध है, जिसका सामना सशस्त्र बलों को करना पड़ता है और दूसरा समुद्री डकैती, आतंकवाद, घुसपैठ, तस्करी और अवैध तरीके से मछली पकड़ने की चुनौतियां हैं, जिनके लिए समुद्री सेनाएं, खास तौर पर आईसीजी हमेशा सतर्क रहती हैं।’’
सिंह ने कहा कि आईसीजे इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रियता से काम कर रहा है और वह रणनीतिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि आईसीजे एक अजेय, विश्वसनीय और दुनिया के सबसे सक्षम समुद्री बलों में एक के रूप में उभरा है।
रक्षा मंत्री ने भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के कर्मियों को वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा पदक भी प्रदान किए।
वर्ष 2022, 2023 और 2024 के लिए दिए गए कुल 32 पदकों में छह राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (विशिष्ट सेवा), 11 तटरक्षक पदक (वीरता) और 15 तटरक्षक पदक (सराहनीय सेवा) शामिल हैं। आईसीजी कर्मियों को चुनौतीपूर्ण और चरम स्थितियों में उनकी अनुकरणीय सेवा, वीरता के कार्यों और कर्तव्य के प्रति निस्वार्थ समर्पण के लिए ये पदक प्रदान किए गए।
रक्षा मंत्री ने जवानों को बधाई देते हुए कहा कि ये पदक सिर्फ एक स्मृति चिन्ह नहीं हैं, बल्कि ये तिरंगे के सम्मान को बनाए रखने के लिए बहादुरी, दृढ़ता और अटूट संकल्प का प्रतीक हैं।
उन्होंने तटीय सुरक्षा, संगठनात्मक दक्षता, मादक पदार्थों की जब्ती, बचाव अभियान और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास सुनिश्चित करने में जवानों के प्रयासों की सराहना की।
सिंह ने कहा कि सुरक्षित और समृद्ध भारत के दृष्टिकोण को तभी साकार किया जा सकता है जब उसकी सुरक्षा प्रणाली मजबूत हो।
रक्षा मंत्री ने आईसीजी की क्षमता बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारतीय तटरक्षक बल को 9,676.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले बजट से 26.50 प्रतिशत अधिक है। यह आईसीजी के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इसके अलावा, आईसीजी को मजबूत बनाने के लिए 14 त्वरित गश्ती वाहन, छह एयर कुशन वाहन, 22 इंटरसेप्टर नौका, छह नेक्स्ट जेनरेशन ऑफशोर गश्ती वाहन और 18 नेक्स्ट जेनरेशन त्वरित गश्ती वाहन की खरीद को मंजूरी दी गई है।”
रक्षा मंत्री ने डिजिटल कोस्ट गार्ड परियोजना की आधारशिला रखे जाने की सराहना करते हुए आईसीजी के तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि ये सभी प्रयास आईसीजी को पारंपरिक और गैरपारंपरिक खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए निरंतर मजबूत करेंगे। उन्होंने इस उद्देश्य को प्राप्त करने में सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
भाषा वैभव