छत्तीसगढ़ में छह वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में 33,734 लोगों की मौत हुई : सरकार
संजीव, रवि कांत
- 25 Feb 2025, 06:27 PM
- Updated: 06:27 PM
रायपुर, 25 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ में पिछले छह वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में 33,700 से अधिक लोगों की मौत हुई है तथा 70,255 लोग घायल हुए हैं। राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "2019 से 2024 तक 79,523 सड़क दुर्घटनाओं में 33,734 लोगों की जान चली गई और 70,255 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।"
इस सवाल के जवाब में साय ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मुफ्त जांच और उपचार उपलब्ध है। इसी तरह आयुष्मान भारत कार्ड धारकों को सरकारी और निजी अस्पतालों में सड़क दुर्घटना में घायलों सहित विभिन्न बीमारियों की मुफ्त जांच और उपचार की सुविधा निर्धारित सीमा के भीतर है।
उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने 25 फरवरी, 2022 को अधिसूचना जारी कर सड़क दुर्घटनाओं में 'हिट एंड रन' मामलों के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए एक नयी योजना अधिसूचित की है।
इस योजना के तहत गंभीर चोट के मामले में मुआवजे की राशि 12,500 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये और मृत्यु के मामले में 25 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रावधान किया गया है। मुआवजे के लिए आवेदन करने और पीड़ितों को भुगतान करने की प्रक्रिया के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। यह योजना एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी है।
साय ने बताया कि वर्ष 2019 से 2024 तक राज्य में 848 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से 790 में संबंधित निर्माण एजेंसियों द्वारा सुधारात्मक उपाय किए जाने की सूचना दी गई है। संबंधित सड़क निर्माण एजेंसियों को चिन्हित ब्लैक स्पॉट में यथाशीघ्र अल्पकालिक सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। फ्लाईओवर, अंडरपास/बाईपास आदि जैसे दीर्घकालिक सुधारात्मक उपायों के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं और जल्द से जल्द मंजूरी और काम पूरा करने के लिए पहल करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पिछले साल विभिन्न जिलों में 16,697 जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें स्कूलों और कॉलेजों में यातायात प्रशिक्षण कार्यक्रम, रैलियां, हेलमेट रैलियां, नुक्कड़ नाटक, वाणिज्यिक वाहनों और ऑटो चालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य और नेत्र जांच शिविर, सड़कों और बाजारों में जागरूकता अभियान, चौक-चौराहों पर ड्राइवरों को निर्देश और अन्य कार्य शामिल हैं, जिनसे 45,69,660 लोग लाभान्वित हुए।
जवाब में कहा गया है कि परिवहन विभाग ने पिछले साल 8,02,417 मामलों में प्रवर्तन कार्रवाई से 1,63,08,51,440 रुपये का जुर्माना वसूला है।
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संजीव, रवि कांत