संगठित क्षेत्र में नौकरियां बढ़ीं, ईपीएफओ ने दिसंबर में शुद्ध रूप से 16.05 लाख सदस्य जोड़े
रमण अजय
- 25 Feb 2025, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने दिसंबर में शुद्ध रूप से 16.05 लाख नए सदस्यों को जोड़ा है। यह नवंबर, 2024 के मुकाबले 9.69 प्रतिशत अधिक है। नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के बारे में ईपीएफओ के मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
शुद्ध रूप से ईपीएफओ से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि का मतलब है कि संगठित क्षेत्र में नौकरियां बढ़ी हैं।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि दिसंबर, 2023 के मुकाबले नियमित वेतन पर रखे गये (पेरोल) लोगों की संख्या 2.74 प्रतिशत अधिक है।
ईपीएफओ के दिसंबर, 2024 के अस्थायी पेरोल आंकड़ों के अनुसार शुद्ध रूप से उससे 16.05 लाख सदस्य जुड़े है, जो इससे पिछले महीने के मुकाबले 9.69 प्रतिशत अधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने 8.47 लाख नये अंशधारकों को जोड़ा। यह दिसंबर, 2023 के मुकाबले 0.73 प्रतिशत अधिक है।
मंत्रालय ने कहा कि महत्वपूर्ण पहलू 18 से 25 आयुवर्ग के लोगों की अधिक भागीदारी का होना है। इस आयु वर्ग में कुल 4.85 लाख नए अंशधारक जुड़े, जो दिसंबर, 2024 में जोड़े गए कुल नए अंशधारकों का 57.29 प्रतिशत है।
इसके अलावा, दिसंबर, 2024 में 18 से 25 आयु वर्ग के मामले में शुद्ध वृद्धि लगभग 6.85 लाख थी, जो नवंबर, 2024 की तुलना में 16.91 प्रतिशत की वृद्धि है।
यह प्रवृत्ति पहले के रुख के अनुरूप है। यह बताता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं और ये मुख्य रूप से पहली बार नौकरी चाहने वाले हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 15.12 लाख सदस्य बाहर निकल गए और बाद में ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए। यह आंकड़ा नवंबर, 2024 के पिछले महीने की तुलना में 5.10 प्रतिशत अधिक है। यह दिसंबर, 2023 की तुलना में 25.76 प्रतिशत अधिक है।
इसका मतलब है कि इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले अन्य प्रतिष्ठानों से जुड़ गये। उन्होंने सेवानिवृत्ति कोष से पैसा निकालने की जगह उसे स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।
पेरोल आंकड़ों के स्त्री-पुरुष आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में से लगभग 2.22 लाख महिला अंशधारक हैं।
यह आंकड़ा दिसंबर, 2023 की तुलना में 6.34 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, महीने के दौरान शुद्ध रूप से जुड़ने वाली महिला अंशधारकों की संख्या लगभग 3.03 लाख रही, जो दिसंबर, 2023 की तुलना में 4.77 प्रतिशत अधिक है।
महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि अधिक समावेशी और विविध कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है।
पेरोल डेटा के राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि शुद्ध रूप से जोड़े गये कर्मचारियों की संख्या में शीर्ष पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का योगदान लगभग 59.84 प्रतिशत है। यानी 9.60 लाख लोगों को नौकरियां इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मिलीं।
सभी राज्यों में से, महाराष्ट्र की हिस्सेदारी सर्वाधिक 21.71 प्रतिशत रही।
महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना ने व्यक्तिगत रूप से माह के दौरान शुद्ध रूप से पांच प्रतिशत से अधिक पेरोल सदस्यों को जोड़े।
आंकड़ों के अनुसार सेवाओं, भवन और निर्माण उद्योग, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, वित्त प्रतिष्ठानों सहित उद्योगों में लगे प्रतिष्ठानों में नौकरियां बढ़ी हैं।
मंत्रालय के अनुसार, पेरोल आंकड़ा अस्थायी है। आंकड़ा सृजन एक सतत प्रक्रिया है। पिछला आंकड़ा हर महीने अद्यतन किया जाता है।
भाषा रमण