गुजरात कांग्रेस ने नयी फसल बीमा योजना की मांग की, सरकार का दावा-किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया गया
पारुल नरेश
- 03 Mar 2025, 10:22 PM
- Updated: 10:22 PM
गांधीनगर, तीन मार्च (भाषा) गुजरात विधानसभा में सोमवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने मांग की कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विकल्प के रूप में एक नयी योजना पेश करे। कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य में इस योजना को बंद किए जाने से किसानों को परेशानी हो रही है।
मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने सदन को बताया कि गुजरात सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान झेलने वाले किसानों को मुआवजे के रूप में 1,162 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
देसाई ने “प्राकृतिक आपदाओं के लिए मुआवजा” के वास्ते 1,249 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग के लिए सदन की मंजूरी मांगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शैलेश परमार ने अपने कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए राज्य सरकार से “मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना” शुरू करने की मांग की, क्योंकि राज्य ने 2020 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बंद कर दिया था।
परमार ने कहा, “नियमित अंतराल पर बेमौसम बारिश के कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। हमारे पास प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना थी। लेकिन, इसे बंद कर दिया गया है। इसलिए, हम मांग करते हैं कि राज्य सरकार किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना’ शुरू करे।”
इस पर देसाई ने कहा कि गुजरात सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के मानदंडों के अनुसार जुलाई, अगस्त और सितंबर 2024 में भारी बारिश से प्रभावित 27 जिलों के लगभग 7.95 लाख किसानों को 1,162 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया।
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, हमने अनियमित मानसून से प्रभावित कपास उत्पादकों के लिए 429.21 करोड़ रुपये और धान उत्पादकों के लिए 44 करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। मैंने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1,249 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग पेश की है। मुझे उम्मीद है कि अन्य पार्टियां हमारे कदम का समर्थन करेंगी।”
मंत्री के जवाब और अनुरोध के बाद कांग्रेस ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया।
भाषा पारुल