पोप फ्रांसिस आराम से सोए, अब यांत्रिक श्वसन प्रणाली की जरूरत नहीं
संतोष माधव
- 04 Mar 2025, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
रोम, चार मार्च (एपी) पोप फ्रांसिस की हालत दो बार सांस लेने से संबंधित समस्याओं के बाद मंगलवार को इतनी स्थिर हो गई कि उन्हें ‘नॉन इनवेसिव’ यांत्रिक श्वसन प्रणाली (मैकेनिकल वेंटिलेशन) से हटा दिया गया। वेटिकन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फ्रांसिस रात में आराम से सोए।
वेटिकन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अब उन्हें सांस लेने में मदद के लिए नाक की नली के माध्यम से पूरक ऑक्सीजन की उच्च मात्रा दी जा रही है।
इसमें कहा गया है कि रात में आराम से सोने के बाद जब फ्रांसिस (88) उठे तो उनकी फीजियोथेरेपी बहाल कर दी गई।
वेटिकन ने मंगलवार सुबह कहा कि फ्रांसिस को अब उनके फेफड़ों में ऑक्सीजन पंप करने के लिए नाक और मुंह को ढकने वाले ‘यांत्रिक श्वसन प्रणाली’ से संबंधित मास्क को पहनने की जरूरत नहीं है।
उन्हें सोमवार को मास्क का उपयोग फिर से शुरू करना पड़ा था क्योंकि उन्हें दो बार सांस लेने में दिक्कत हुई थी, जिसके चलते चिकित्सकों को उनके फेफड़ों से ‘बहुत अधिक’ मात्रा में बलगम निकालना पड़ा था।
इसके पहले दो नए तीव्र श्वसन संबंधी संकटों के उत्पन्न होने पर फ्रांसिस को सांस लेने में मदद करने के लिए ‘गैर-इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन’ का उपयोग फिर से शुरू करना पड़ा था।
वेटिकन ने मंगलवार को शुरुआती अद्यतन जानकारी देते हुए कहा: ‘‘पोप रातभर सोए, वह अब भी आराम कर रहे हैं।’’
फ्रांसिस को सोमवार को दो बार तकलीफ हुई। इसके बाद वेटिकन ने कहा कि चिकित्सकों ने उनके फेफड़ों में जमा हुए ‘बहुत ज्यादा’ बलगम को निकाला। उन्होंने दो बार ‘ब्रोंकोस्कोपी’ की जिसके तहत शीर्ष पर कैमरा लगी ट्यूब को उनकी श्वसन मार्ग के जरिये भेजा गया।
वेटिकन ने कहा कि फ्रांसिस सक्रिय हैं और उन्होंने चिकित्सा कर्मियों के साथ सहयोग किया। हालांकि, उनके स्वास्थ्य संबंधी पूर्वानुमान को जताने में सतर्कता का बरता जाना बरकरार रहा रहा, जिसका अर्थ है कि वह खतरे से बाहर नहीं हैं।
चिकित्सकों ने यह नहीं बताया कि उनकी हालत स्थिर है या नहीं। हालांकि चिकित्सकों ने संकटों को भूतकाल के रूप में संदर्भित किया, सुझाया कि वे खत्म हो चुके हैं।
शिकागो में नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन में फेफड़ा रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. जॉन कोलमैन ने कहा कि बलगम जमने की घटना शुक्रवार की पिछली घटना से अधिक चिंताजनक थी। फ्रांसिस को शुक्रवार को खांसी का दौरा पड़ा था और खांसते-खांसते उन्होंने उल्टी कर दी थी जिसका कुछ हिस्सा उनके शरीर में चला गया था जिसे निकाले की जरूरत पड़ी थी और इसके बाद उन्हें एक दिन तक नॉन इनवेसिव यांत्रिक श्वसन प्रणाली के मदद से रखा गया।
कोलमैन ने कहा कि ‘ब्रोंकोस्कोपी’ का उपयोग करने का मतलब यह है कि फेफड़ों में बलगम और कफ काफी अधिक मात्रा में जाम हो गया था जिसे चिकित्सकों को निकालना पड़ा।
फ्रांसिस शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं और वह ‘व्हीलचेयर’ का उपयोग करते हैं। फ्रांसिस का वजन अधिक है और वह अपने फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार के लिए श्वसन संबंधी फिजियोथेरेपी करवा रहे हैं।
एपी
संतोष