एनआरआई और अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी में शामिल फर्जी कॉलसेंटर का हैदराबाद में भंडाफोड़
धीरज माधव
- 06 Mar 2025, 07:03 PM
- Updated: 07:03 PM
हैदराबाद, छह मार्च (भाषा)तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (टीजीसीएसबी)ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी कि उसने हाई-टेक सिटी में फर्जी कॉल सेंटर के जरिये बड़े पैमाने पर हो रही साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है और मामले में 63 लोगों को गिरफ्तार किया है। करने की घोषणा की।
टीजीसीएसबी की निदेशक शिखा गोयल के मुताबिक संदिग्ध लोग अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाली एक्सिटो सॉल्यूशंस नाम से संचालित फर्जी कॉल सेंटर में कार्यरत थे।
उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने देर रात फर्जी बीपीओ पर छापा मारा और साइबर अपराधों में उसकी संलिप्तता का खुलासा किया।
तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो ने फर्जी कॉल सेंटर के प्रबंध निदेशक और टेलीकॉलर (फोन से बात करने वाले)सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर इस साल जनवरी से संचालित किया जा रहा था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी, एक्सिटो सॉल्यूशंस में टेलीकॉलर के रूप में काम करते थे और पीड़ितों को धोखा देने के लिए खुद को एक अमेरिकी ऑनलाइन भुगतान गेटवे सेवा प्रदाता का ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताते थे।
टीजीसीएसबी ने एक विज्ञप्ति ने इन आरोपियों के काम करने के तरीके के बारे में बताया कि वे उन्नत सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी कॉल करते थे और फिर वायरस युक्त संदिग्ध ईमेल भेजते थे।
फर्जीवाड़ा से हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया,‘‘कुल नुकसान का पता लगाने के लिए जांच जारी है, क्योंकि सभी पीड़ित अमेरिका में हैं और ठगी गई रकम अमेरिकी खातों में जमा की गई है।’’ पुलिस ने बताया कि प्रत्येक टेलीकॉलर रोजाना औसतन 30-40 लोगों से संपर्क करता था।
पुलिस ने बताया कि इस धोखाधड़ी गिरोह के सरगना के रूप में गुजरात निवासी कैवन पटेल उर्फ जादू भाई की पहचान की गई है जो फरार है। उसने बताया कि कैवन पटेल अपने बड़े भाई के साथ मिलकर इस गिरोह को चला रहा था।
टीजीसीएसबी की विज्ञप्ति के मुताबिक ये लोग ऑनलाइन भुगतान गेटवे से चुराए गए ग्राहक डेटा उपलब्ध कराने और अमेरिका में बैंक खातों की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार थे, जिनका उपयोग धोखाधड़ी से प्राप्त धन प्राप्त करने के लिए किया गया।
विज्ञप्ति के मुताबिक अपराध से अर्जित राशि क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील कर दी जाती थी, जिससे लेनदेन का पता नहीं चल सका।
पुलिस ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि पूरा नेटवर्क हैदराबाद निवासी और एक्सिटो सॉल्यूशंस की प्रबंध निदेशक चंदा मनसावानी की देखरेख में जादू भाई द्वारा नियंत्रित किया जाता था।
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह टीम लीडर (अन्य अभियुक्त) के साथ समन्वय में काम करता था, जो पीड़ितों को धोखाधड़ी से भुगतान कराने में माहिर था।
पुलिस ने बताया कि टेलीकॉलर मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों से हैं और उन्हें सोशल मीडिया मंच के माध्यम से ‘कॉल सेंटर’ में काम करने के लिए 30,000 रुपये तक के मासिक वेतन पर भर्ती किया गया था। हालांकि, भर्ती होने के बाद उन्हें साइबर धोखाधड़ी करने के लिए भ्रामक रणनीति में प्रशिक्षित किया गया था।
पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान धोखाधड़ी की गतिविधियों में इस्तेमाल किए गए 52 मोबाइल फोन, 63 लैपटॉप और एक्सिटो सॉल्यूशंस के 27 आईडी कार्ड बरामद किए गए।
भाषा धीरज