‘चुराए गए हिस्से’ की वापसी के बाद कश्मीर विवाद सुलझ जायेगा: जयशंकर, पाकिस्तान ने बेबुनियाद बताया
देवेंद्र माधव
- 06 Mar 2025, 07:01 PM
- Updated: 07:01 PM
लंदन/इस्लामाबाद, छह मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कश्मीर विवाद का समाधान ‘‘कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी के बाद होगा, जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है।’’
जयशंकर ने बुधवार को लंदन में चैथम हाउस थिंक-टैंक के एक सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
इस बीच पाकिस्तान ने कश्मीर के संबंध में जयशंकर की टिप्पणी को ‘‘बेबुनियाद’’ बताते हुए बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। साथ ही इस मुद्दे के समाधान की मांग की।
जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे के ‘‘समाधान’’ के बारे में एक श्रोता के सवाल का जवाब देते हुए कहा था, ‘‘कश्मीर के संबंध में, मुझे लगता है, वास्तव में हमने इसके ज्यादातर मुद्दों को हल करने की दिशा में अच्छा काम किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद-370 को हटाना पहला कदम था, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था तथा बहुत अधिक मतदान के साथ चुनाव कराना तीसरा कदम था।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम जिस चीज का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। जब ऐसा हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर मुद्दे का समाधान हो जायेगा।’’
इस्लामाबाद में, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में जयशंकर की टिप्पणी को खारिज कर दिया।
खान ने कहा, ‘‘आजाद जम्मू-कश्मीर के बारे में बेबुनियाद दावे करने के बजाय भारत को पिछले 77 वर्षों से अपने कब्जे में रखे गए जम्मू-कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए।’’
भारत द्वारा पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंध निचले स्तर पर चले गये थे और दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां बंद हो गई थीं।
खान ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों में यह प्रावधान है कि जम्मू-कश्मीर की अंतिम स्थिति संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जनमत संग्रह के माध्यम से निर्धारित की जाएगी। भारत का पूर्वाग्रह इस वास्तविकता को नहीं बदल सकता।’’
उन्होंने पिछले वर्ष कश्मीर के अपने हिस्से में हुए चुनावों के बारे में भारतीय मंत्री के दावों को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘‘भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी चुनावी प्रक्रिया आत्मनिर्णय के अधिकार के विकल्प के रूप में काम नहीं कर सकती।’’
भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
भाषा
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