न केवल पाक अधिकृत कश्मीर, चीन के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हिस्से को भी वापस लाएं: उमर अब्दुल्ला
प्रशांत नेत्रपाल
- 06 Mar 2025, 10:15 PM
- Updated: 10:15 PM
जम्मू, छह मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भाजपा नीत सरकार के आभारी होंगे यदि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के साथ-साथ चीन के अवैध कब्जे वाले केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के हिस्से को भी वापस ले ले।
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह का अपमान करने का आरोप लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की कड़ी आलोचना की और उन्हें चुनौती दी कि वे एक भी ऐसा उदाहरण बताएं जब सत्तारूढ़ पार्टी या किसी अन्य कश्मीर-आधारित पार्टी ने डोगरा शासक का अपमान किया हो। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुस्लिम बहुल राज्य का विघटन कर उसका दर्जा घटाया है।
मुख्यमंत्री ने यहां विधानसभा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा समाप्त करते हुए कहा, “विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) कह रहे हैं कि हम जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से को वापस लेंगे जो पाकिस्तान के कब्जे में है। उन्हें किसने रोका है? क्या हमने कभी कहा है कि इसे वापस मत लो?”
जयशंकर ने बुधवार को लंदन में विचार मंच ‘चैथम हाउस’ के एक सत्र में कहा कि कश्मीर विवाद का समाधान “पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी” के बाद होगा।
सदन में भाजपा सदस्यों के भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उरी सेक्टर में हाजी पीर को पाकिस्तान में छोड़ने के लिए कांग्रेस को निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा, “करगिल युद्ध के समय पीओके को वापस लेने का मौका था क्योंकि पाकिस्तान ने हम पर हमला किया था। अगर आप इतने इच्छुक होते तो आप उस हिस्से को वापस ले लेते लेकिन आपको किसने रोका? जब आप जम्मू-कश्मीर का नक्शा देखते हैं तो उसमें एक हिस्सा चीन में भी है लेकिन आप उस पर बात नहीं करते।”
उन्होंने कहा कि जब भाजपा नीत केंद्र सरकार पीओके को वापस लाएगी तो उन्हें जम्मू-कश्मीर का वह हिस्सा भी वापस लाना चाहिए जो वर्तमान में चीन के कब्जे में है और “हम आपके आभारी रहेंगे”।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुनील शर्मा द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी पर महाराजा का अपमान करने का आरोप लगाए जाने पर पलटवार करते हुए उन्होंने विपक्षी पार्टी को चुनौती दी कि वह उन्हें एक भी ऐसा उदाहरण बताए जब अंतिम डोगरा शासक का नेशनल कॉन्फ्रेंस या पीडीपी और कांग्रेस द्वारा अपमान किया गया हो।
उन्होंने कहा, “आपने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके महाराजा के नक्शे को विकृत कर दिया है और उनके कानूनों को समाप्त कर दिया है, विशेष रूप से भूमि और नौकरियों से संबंधित, जो लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए थे।”
अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा यह कहकर अलगाव को उचित ठहरा रही है कि यह लद्दाख के लोगों की लंबे समय से लंबित मांग थी।
उन्होंने कहा, “क्या आपने उनसे पूछा है? क्या आपने पता लगाने की कोशिश की है?”
अब्दुल्ला ने कहा, “करगिल के लोग पहले दिन से ही इस फैसले के खिलाफ थे। लद्दाख के बौद्धों ने मिठाई बांटी और आज वे मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में उनकी स्थिति बेहतर थी। वे अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए लेह से दिल्ली तक पैदल चले।”
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्थिति बेहतर है, क्योंकि यदि कोई पहाड़ी राज्य में उद्योग या होटल स्थापित करता है तो उसे 70 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों को देनी होती हैं।
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