छत्तीसगढ़ : भूपेश बघेल के परिसरों पर ईडी के छापे के बाद कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन
सं संजीव मनीषा नोमान
- 10 Mar 2025, 11:50 AM
- Updated: 11:50 AM
दुर्ग, 10 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के दुर्ग जिले के भिलाई शहर स्थित परिसरों पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के बाद बड़ी संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता उनके घर के बाहर एकत्र हुए और छापे की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी कथित शराब घोटाला मामले में भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत की गई है।
प्रदर्शनकारियों में शामिल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने कहा, “राज्य में कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को (भाजपा के नेतृत्व वाली) केंद्र सरकार दुर्भावनापूर्ण इरादे से निशाना बना रही है। हम केंद्र की साजिश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं।”
बघेल के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ''सात वर्षों से चले आ रहे झूठे मामले को जब अदालत ने खत्म कर दिया तो ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया।''
इसमें कहा गया है, ''अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।'' भूपेश बघेल पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हैं।
पिछले सप्ताह यहां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने कथित सेक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। यह मामला 2017 में दर्ज किया गया था जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तत्कालीन सरकार के मंत्री की कथित सीडी से जुड़ा था। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में इसके फर्जी होने का भी दावा किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह से राज्य में ईडी द्वारा लगभग 14-15 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिले) स्थित परिसरों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों की भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है।
चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए परिसर की तलाशी ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि उन (चैतन्य बघेल) पर शराब घोटाले की आय का "प्राप्तकर्ता" होने का संदेह है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम गई।
ईडी ने इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया है।
ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत अब तक एजेंसी द्वारा विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
भाषा सं संजीव मनीषा