राज्यसभा में भाजपा सदस्य ने उठाया आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं का मुद्दा
ब्रजेन्द्र माधव
- 10 Mar 2025, 04:04 PM
- Updated: 04:04 PM
नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रेखा शर्मा ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त आशा कार्यकर्ताओं को होने वाली समस्याओं पर चिंता व्यक्त की और सरकार से इस दिशा में उचित कदम उठाने का आह्वान किया।
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता ग्रामीण और सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की रीढ़ के रूप में काम करती हैं और सरकार तथा लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी होती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वे मातृ और बाल स्वास्थ्य सेवाओं, टीकाकरण अभियान, रोग निवारण कार्यक्रम और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं सहित प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल पहलों को जमीन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।’’
शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार की अपरिहार्य भूमिका के बावजूद, आशा कार्यकर्ताओं को एक मामूली मानदेय मिलता है जो उनके काम के महत्व के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनमें से कई निश्चित वेतन के बिना अथक परिश्रम करती हैं।’’
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को पेंशन, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बीमा और मातृत्व लाभ जैसे आवश्यक सामाजिक सुरक्षा लाभ भी नहीं मिलते हैं, जिस कारण वे वित्तीय रूप से भी असुरक्षित हो जाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार से लंबे समय से चले आ रहे इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करती हूं। आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन के अलावा एक निश्चित मासिक वेतन प्रदान किया जाना चाहिए, जिससे उनकी अमूल्य सेवाओं को उचित सम्मान सुनिश्चित हो। इसके अलावा, उन्हें कर्मचारी राज्य बीमा, स्वास्थ्य बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके।’’
शर्मा ने समय-समय पर उनकी मजदूरी की समीक्षा करने और भुगतान में देरी से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए एक व्यवस्थित तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
आम आदमी पार्टी के अशोक मित्तल ने वरीयता क्रम की सूची में सांसदों को नीचे रखे जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें मौजूदा 21वें स्थान से हटाकर कम से कम ग्यारहवें स्थान पर किया जाए।
उन्होंने कहा कि लोकसभा का एक सदस्य 25 लाख लोगों का और राज्यसभा का एक सदस्य 60 लाख लोगों का प्रतिनिधत्व करता है लेकिन वरीयता क्रम की सूची में उसे 21वें स्थान पर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और फ्रांस में सांसदों को इस सूची में 13वें स्थान पर रखा गया है।
मित्तल ने कहा, ‘‘केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण का अध्यक्ष भी हमसे ऊपर है। कैबिनेट सचिव का रैंक 11वां है। मैं सरकार से निवेदन करूंगा कि वह सांसदों गरिमा को बहाल करने और उन्हें एक अच्छा अनुभव देने के लिए वरीयता क्रम की सूची में संशोधन करे और कम से कम सांसदों को 11वें स्थान पर रखा जाए।’’
भाजपा के अनिल बोंडे ने भारत के पहले कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव देशमुख को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग उठाई।
बोंडे ने कहा कि शिक्षा, कृषि और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए सरकार को उन्हें भारत रत्न प्रदान करना चाहिए।
भाजपा की ही मेधा विश्राम कुलकर्णी ने पुणे से दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों के लिए तेज गति की ट्रेनों की आवश्यकता जताई।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने में अपतटीय खनन के केंद्र के फैसले का मुद्दा उठाया और इससे राज्य के पर्यावरण पर पड़ने वाले संभावित असर पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि केरल की सरकार ने भी भारत सरकार से इस निर्णय को वापस लेने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य के पर्यावरण ओर लोगों की आजीविका पर प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार ने कोई उपयुक्त अध्ययन भी नहीं कराया।
ब्रिटास ने कहा कि पारिस्थितिकी के लिहाज से केरल बहुत संवेदनशील राज्य है और खनन से राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
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