छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा
संजीव पारुल
- 10 Mar 2025, 04:22 PM
- Updated: 04:22 PM
रायपुर, 10 मार्च (भाषा) देश की कई बड़ी कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि आज रायपुर में हुए ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में कई बड़ी कंपनियों ने तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश का ऐलान किया।
उन्होंने बताया कि इस निवेश से राज्य में परमाणु, थर्मल, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में बिजली उत्पादन की नयी परियोजनाएं शुरू होंगी, जिससे न केवल उद्योगों को फायदा मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी सस्ती और लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चि की जा सकेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नयी ऊंचाइयों तक ले जाएगा और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।
साय ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो। छत्तीसगढ़ पहले से ही 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से ज्यादा है। अब हर व्यक्ति को 2,048 किलोवाट प्रति घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं।”
अधिकारियों के मुताबिक, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4,200 मेगावाट क्षमता का परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी।
उन्होंने बताया कि थर्मल पावर क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणा हुई है और अदानी पावर 66,720 करोड़ रुपये खर्च कर कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1,600-1,600 मेगावाट के तीन थर्मल ऊर्जा संयंत्र लगाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, जिंदल पावर रायगढ़ में 1,600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 12,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जबकि सरदा एनर्जी रायगढ़ में 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 660 मेगावाट क्षमता का संयंत्र स्थापित करेगी।
अधिकारियों के अनुसार, इसके अलावा, सरकारी कंपनियां एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल 41,120 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगी।
उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है और जिंदल पावर तथा एनटीपीसी ग्रीन 10,000 करोड़ रुपये खर्च कर 2,500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगी, जिसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2,000 मेगावाट के सौर संयंत्र शामिल होंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में पीएम कुसुम योजना के तहत 4,100 करोड़ रुपये की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे।
उन्होंने दावा किया कि इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंप की जरूरत कम होगी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8,700 मेगावाट क्षमता की पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी, जिनमें एसजेएन कोटपाली की 1,800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल की 3,000 मेगावाट की परियोजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी निवेश के जरिये छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिससे उद्योगों, किसानों और आम लोगों को फायदा होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
भाषा
संजीव