ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप: चोटों और फॉर्म से जूझ रहे भारतीय शटलरों के सामने होगी कड़ी चुनौती
नमिता सुधीर
- 10 Mar 2025, 04:58 PM
- Updated: 04:58 PM
बर्मिंघम, 10 मार्च (भाषा) चोटों, स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों और खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को मंगलवार से यहां शुरू हो रही ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
प्रकाश पादुकोण की 1980 में ऐतिहासिक जीत और 2001 में पुलेला गोपीचंद की जीत के बाद से कोई भी भारतीय प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड खिताब जीतने में कामयाब नहीं हुआ है।
ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के बाद बैडमिंटन का सबसे प्रतिष्ठित ताज है।
पिछले दो दशकों में भारतीय बैडमिंटन ने नयी ऊंचाइयों को छुआ है जिसमें पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत जैसे सितारों ने प्रमुख खिताब जीते हैं। हालांकि, विश्व मंच पर अपनी कई सफलताओं के बावजूद कोई भी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतने में सफल नहीं हो पाया है।
साइना और लक्ष्य सेन 2015 और 2022 में उपविजेता रहे जबकि त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी लगातार चरण में सेमीफाइनल में पहुंची।
हर साल, भारतीय दल इस ऐतिहासिक खिताब पर अपनी नज़रें गड़ाए रहता है और हर बार उन्हें असफलता मिली है। इस साल चुनौती और भी बड़ी होगी क्योंकि भारत के शीर्ष खिलाड़ी चोट की चिंताओं और अनिरंतर फॉर्म सहित कई कठिनाइयों के साथ बर्मिंघम पहुंचेंगे।
पेरिस ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय खिलाड़ियों को 2025 में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
सिंधू को चोटों की समस्या का सामना करना पड़ा, एचएस प्रणय चिकनगुनिया से धीरे-धीरे उबरे, लक्ष्य सेन खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी अपने पिता की मृत्यु से उबर रहे हैं जिनका पिछले महीने निधन हो गया था।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू को हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण पिछले महीने एशिया मिश्रित टीम चैंपियनशिप से हटना पड़ा था।
वह चोट से उबरने के बाद वापसी कर चुकी हैं। इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने जनवरी में इंडोनेशियाई कोच इरवांशिया आदि प्रतामा को नियुक्त किया था। वह शुरुआती दौर में कोरिया की गा यून किम से भिड़ेंगी।
पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले लक्ष्य ने ऑल इंग्लैंड के पिछले संस्करण में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। लेकिन नए सत्र में दो टूर्नामेंट में पहले दौर से बाहर होने और एक टूर्नामेंट में दूसरे दौर में बाहर हो गए।
लक्ष्य (23 वर्ष) ने 2021 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था और वह अपने अभियान की शुरुआत जापान के कोकी वतनाबे के खिलाफ करेंगे।
प्रणय मुश्किल वर्ष के बाद विश्व रैंकिंग में 30वें स्थान पर खिसक गए हैं और 2025 में दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। पेरिस ओलंपिक से पहले इस 32 वर्षीय को चिकनगुनिया हो गया था, वह फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।
पुरुष युगल में एशियाई खेलों के चैंपियन सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी डेनमार्क के डेनियल लुंडगार्ड और मैड्स वेस्टरगार्ड के खिलाफ शुरुआत करेगी।
महिला युगल में विश्व की नौवें नंबर की त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद का सामना चीनी ताइपे की शुओ युन सुंग और चिएन हुई यू से होगा जबकि अश्विनी पोनप्पा और तनिषा क्रास्टो का सामना एक अन्य ताइपे की जोड़ी पेई शान हसीह और एन-त्ज़ु हंग से होगा।
अन्य प्रतियोगियों में मालविका बंसोड़ सिंगापुर की जिया मिन यो से भिड़ेंगी।
मिश्रित युगल में भारत का प्रतिनिधित्व तीन जोड़ियां करेंगी जिसमें रोहन कपूर और रुथविका शिवानी गड्डे, ध्रुव कपिला और तनिषा तथा सतीश करुणाकरण और आद्या वरियाथ शामिल हैं।
भाषा नमिता