अनुसंधान पत्रों की स्वतंत्र समीक्षा को क्षीण कर सकती है कृत्रिम बुद्धिमत्ता
द कन्वरसेशन धीरज दिलीप
- 10 Mar 2025, 05:58 PM
- Updated: 05:58 PM
(टिमोथी ह्यूग बार्कर, एडीलेड विश्वविद्यालय)
एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), 10 मार्च (द कन्वरसेशन)इस साल की शुरुआत में मुझे अपनी एक अकादमिक पांडुलिपि पर सामान्य स्वतंत्र समीक्षा प्रक्रिया के तहत टिप्पणियां प्राप्त हुईं, और मैंने इसमें कुछ अजीब बात देखी।
मेरा अनुसंधान यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि नीति, अभ्यास और निर्णय लेने के लिए विश्वसनीय साक्ष्य का उपयोग किया जाए। मैं अक्सर विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे समूहों के साथ मिलकर नैदानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों या नीतियों को सूचित करने के लिए व्यवस्थित समीक्षा करता हूं। मैंने स्वतंत्र समीक्षा के लिए जो शोध पत्र प्रस्तुत किया था, वह व्यवस्थित समीक्षा आचरण के बारे में था।
मैंने जो गौर किया, उससे वैज्ञानिक प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की बढ़ती भूमिका को लेकर मेरी चिंताएं बढ़ गईं।
समुदाय की सेवा
स्वतंत्र समीक्षा अकादमिक प्रकाशन के लिए मौलिक है, यह सुनिश्चित करती है कि प्रकाशन और प्रसार से पहले शोध की गहन समीक्षा की जाए। इस प्रक्रिया में शोधकर्ता अपना काम एक पत्रिका के समक्ष प्रस्तुत करते हैं, जहां संपादक विशेषज्ञ सहकर्मियों को प्रतिक्रिया देने के लिए आमंत्रित करते हैं। इससे सभी को लाभ होता है।
स्वतंत्र समीक्षकों को वित्त पोषण या पदोन्नति के लिए आवेदन करते समय तरजीह दी जाती है, क्योंकि उनके कार्य को समुदाय के लिए एक सेवा के रूप में देखा जाता है।
अनुसंधानकर्ताओं के संदर्भ में यह उन्हें अपनी कार्यप्रणाली को परिष्कृत करने, अपने तर्कों को स्पष्ट करने और अपने काम को प्रकाशन योग्य साबित करने के लिए खामियों को दूर करने की चुनौती देता है। आम जनता के लिए, स्वतंत्र समीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि अनुसंधान के निष्कर्ष विश्वसनीय हैं।
इस वर्ष जनवरी में मेरे अनुसंधान पत्र की पांडुलिपि पर जो टिप्पणियां मुझे मिलीं, वे पहली नजर में ही अजीब लगीं।
सबसे पहले, भाषा में बहुत ही अधिक एकरूपता थी और सामान्य थी। साथ ही, इसमें सूक्ष्मता, गहराई या व्यक्तित्व की अप्रत्याशित कमी थी। समीक्षक ने कोई पृष्ठ या पंक्ति संख्या नहीं दी थी और अनुसंधान पत्र में मेरे द्वारा किये जाने वाले संशोधनों को निर्देशित करने के लिए कोई विशिष्ट उदाहरण नहीं दिया था।
उदाहरण के लिए, उन्होंने सुझाव दिया कि मैं ‘‘अनावश्यक स्पष्टीकरण हटा दूं’’। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन से स्पष्टीकरण अनावश्यक थे, या यहां तक कि पांडुलिपि में वे कहां थे।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मैं अपनी संदर्भ सूची को विचित्र तरीके से व्यवस्थित करूं, जिससे पत्रिका की आवश्यकताओं की अनदेखी हो गई और किसी भी ऐसे प्रारूप का पालन नहीं किया गया, जिसे मैंने किसी विज्ञान पत्रिका में देखा हो।
पत्रिका को हालांकि किसी ‘चर्चा’ खंड की आवश्यकता नहीं थी, स्वतंत्र समीक्षक ने मेरी गैर-मौजूद चर्चा को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिया था: ‘‘(शोध पत्र की सामग्री) के आगे परिशोधन के लिए भविष्य की दिशाओं को संबोधित करने से अनुसंधान पत्र के दूरदर्शी परिप्रेक्ष्य में वृद्धि होगी’’।
अपने संदेहों की जांच
अपने संदेह की जांच करने के लिये समीक्षा, कम से कम आंशिक रूप से एआई द्वारा लिखी गई थी। मैंने अपनी पांडुलिपि तीन एआई मॉडल - चैटजीपीटी-4o, जेमिनी 1.5 प्रो और डीपसीक-वी3 पर अपलोड की। इसके बाद मैंने स्वतंत्र समीक्षा से प्राप्त टिप्पणियों की तुलना एआई मॉडल से आए नतीजों से की।
उदाहरण के लिए, सार के संबंध में स्वतंत्र समीक्षक की टिप्पणी इस प्रकार थी, ‘‘इसके महत्व पर जोर देने के लिए व्यवस्थित समीक्षा परिणामों के लिए (अनुसंधान पत्र के मुख्य निष्कर्ष) के व्यापक निहितार्थों को संक्षेप में संबोधित करें।’’
सार के संबंध में चैटजीपीटी-4ओ से प्राप्त नतीजे इस प्रकार हैं, ‘‘व्यवस्थित समीक्षा या साक्ष्य-आधारित अभ्यास पर (अनुसंधान पत्र का मुख्य निष्कर्ष) व्यापक निहितार्थ या संभावित प्रभाव का सारांश देने वाले वाक्य के साथ निष्कर्ष निकालें।’’
लेकिन सबसे बड़ी समस्या स्वतंत्र-समीक्षक की प्रतिक्रिया और उस पत्रिका के सहयोगी संपादक की प्रतिक्रिया के बीच का अंतर था, जिसे मैंने अपनी पांडुलिपि प्रस्तुत की थी। जहां सहयोगी संपादक की प्रतिक्रिया स्पष्ट, शिक्षाप्रद और सहायक थी, वहीं स्वतंत्र समीक्षक की प्रतिक्रिया अस्पष्ट, भ्रमित करने वाली थी, और मेरे काम को बेहतर बनाने के लिए कुछ भी नहीं करती थी।
मैंने अपनी चिंताएं सीधे प्रधान संपादक के सामने रखीं। उनको श्रेय जाता है कि उन्होंने मुझे मुद्दों को उठाने और मेरी जांच का दस्तावेजीकरण करने के लिए तुरंत धन्यवाद दिया - जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह ‘‘चिंताजनक और आंख खोलने वाला’’ है।
सावधानीपूर्वक निरीक्षण की आवश्यकता
मेरे पास इस बात का पक्का सबूत नहीं है कि मेरी पांडुलिपि की स्वतंत्र समीक्षा एआई द्वारा की गई थी। लेकिन स्वतंत्र समीक्षक द्वारा की गई टिप्पणियां और एआई मॉडल से प्राप्त परिणामों के बीच समानताएं चौंकाने वाली थीं।
अगर स्वतंत्र समीक्षा में एआई मॉडल का इस्तेमाल किया जाना है, तो लेखकों को सूचित किए जाने और इससे बाहर निकलने का विकल्प दिया जाना चाहिये। समीक्षकों को अपनी समीक्षा में एआई के इस्तेमाल का भी खुलासा करना होगा।
हालांकि, इसे लागू करना एक मुद्दा बना हुआ है और पत्रिकाओं और संपादकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि स्वंतत्र समीक्षक, जो एआई मॉडल का अनुचित तरीके से उपयोग करते हैं, उन्हें चिह्नित किया जाए।
मैंने अपने अनुसंधान पत्र को क्षेत्र में अपने साथियों द्वारा ‘‘विशेषज्ञ’’ समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया, फिर भी मुझे एआई जनित प्रतिक्रिया मिली, जो अंततः मेरे काम को बेहतर बनाने में विफल रहा। अगर मैंने बिना किसी सवाल के इन टिप्पणियों को स्वीकार कर लिया होता - और अगर सहयोगी संपादक ने ऐसा अनुकरणीय फीडबैक नहीं दिया होता - तो इस बात की पूरी संभावना है कि इसपर किसी का ध्यान नहीं जाता।
हो सकता है कि मेरे काम को उचित रूप से जांचे बिना ही प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया गया हो, इसे मेरे साथियों द्वारा पुष्टि किए गए ‘‘तथ्य’’ के रूप में जनता के बीच प्रसारित कर दिया गया हो, जबकि मेरे साथियों ने स्वयं इस काम की समीक्षा नहीं की हो।
द कन्वरसेशन धीरज